SpaceX IPO: एलन मस्क की अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी स्पेसएक्स अगले साल अपना बहुप्रतीक्षित आईपीओ (Initial Public Offering) लाने की तैयारी में है। यह खबर उन निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है जो इस दूरदर्शी कंपनी में हिस्सेदारी चाहते हैं। हाल ही में इनसाइडर शेयर सेल को मिली मंजूरी से यह अनुमान और पुख्ता हो गया है कि कंपनी जल्द ही सार्वजनिक बाजार में कदम रख सकती है, जिससे इसकी मौजूदा वैल्यूएशन 800 बिलियन डॉलर से बढ़कर 1 ट्रिलियन डॉलर के पार जा सकती है। यह घटनाक्रम न केवल प्रौद्योगिकी बल्कि वित्तीय जगत में भी हलचल मचा रहा है।
SpaceX IPO: क्या भारतीय भी लगा पाएंगे एलन मस्क की कंपनी पर दांव?
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अगले साल अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है। हाल ही में, कंपनी ने अपने इनसाइडर शेयर सेल को मंजूरी दी है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह 2026 में सार्वजनिक हो सकती है। इस इनसाइडर शेयर ट्रेडिंग के बाद कंपनी की वैल्यूएशन बढ़कर 800 बिलियन डॉलर हो गई है, जो इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान निजी कंपनियों में से एक बनाती है। कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) ब्रेट जॉनसन ने शेयरहोल्डर्स को एक मेमो भेजकर इस महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
कथित तौर पर, कंपनी अपने लेटेस्ट सेकेंडरी ऑफरिंग में इनसाइडर्स को 421 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से शेयर दे रही है। जॉनसन के भेजे गए लेटर में यह भी बताया गया है कि कंपनी शेयरहोल्डर्स से 421 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से 2.56 बिलियन डॉलर के शेयर वापस खरीदने की योजना बना रही है। जॉनसन ने लेटर में स्पष्ट किया, “यह असल में होगा या नहीं, कब होगा और किस वैल्यूएशन पर होगा, यह अभी भी बहुत अनिश्चित है, लेकिन प्लानिंग यही है कि अगर हम सही तरीके से काम करते हैं और मार्केट भी साथ देता है, तो पब्लिक ऑफरिंग से काफी पूंजी जुटाई जा सकती है।”
स्पेसएक्स आईपीओ का भविष्य और वर्तमान स्थिति
सेकेंडरी ऑफरिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए कंपनियां आमतौर पर आईपीओ से पहले कर्मचारियों या शुरुआती निवेशकों को अपने हिस्से के शेयर बेचने का अवसर प्रदान करती हैं। स्पेसएक्स ने भी हाल ही में ऐसा ही किया है। स्पेसएक्स साल में दो बार बायबैक करके शेयरहोल्डर्स से पूंजी जुटाती है और शेयरधारकों को भी अपनी होल्डिंग्स से नकदी निकालने का मौका मिल जाता है। यह प्रक्रिया कंपनी को आईपीओ लाने के लिए तैयार करती है, जिससे बड़ी मात्रा में फंड इकट्ठा किया जा सके। स्पेसएक्स इस आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल अपने महत्वाकांक्षी स्टारशिप और स्टारलिंक प्रोजेक्ट्स की फंडिंग के लिए कर सकती है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि स्पेसएक्स का आईपीओ सफलतापूर्वक लॉन्च होता है, तो इसकी कुल वैल्यूएशन 1 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर सकती है, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन जाएगी। यह सिर्फ एक वित्तीय घटना नहीं है, बल्कि अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है, जो निजी अंतरिक्ष अन्वेषण में निवेश की नई लहर ला सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
भारतीयों के लिए निवेश का सुनहरा मौका
भारतीय निवेशक भी एलन मस्क की इस कंपनी में दांव लगाने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय निवासी आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत इस अमेरिकी आईपीओ में निवेश कर सकते हैं, जिसके तहत हर साल 250,000 डॉलर तक विदेश में निवेश के लिए भेजे जा सकते हैं। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें: रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
- सबसे पहले, आपको एक विश्वसनीय ब्रोकर चुनना होगा। किसी ऐसे भारतीय प्लेटफॉर्म के साथ ग्लोबल ट्रेडिंग अकाउंट खोलें जो अमेरिकी निवेश का विकल्प देता हो, या सीधे अमेरिकी ब्रोकर के साथ आईपीओ एक्सेस की अनुमति देता हो। सभी ब्रोकर आईपीओ एप्लीकेशन की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए इसे पहले से जांचना महत्वपूर्ण है।
- इसके बाद, अपना केवाईसी (Know Your Customer) पूरा करें। इसके लिए पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे बुनियादी दस्तावेज जमा करें। यह प्रक्रिया आमतौर पर ऑनलाइन होती है और कम समय में पूरी हो जाती है।
- फिर, एलआरएस रूट के जरिए अपने बैंक से अमेरिकी डॉलर में पैसे ट्रांसफर करें और ब्रोकर के प्लेटफॉर्म के जरिए आईपीओ के लिए आवेदन करें। हालांकि, शेयरों के अलॉटमेंट की कोई गारंटी नहीं होती है।
- यदि आपको शेयर अलॉट किए जाते हैं, तो वे आपके डीमैट अकाउंट में अपने आप क्रेडिट हो जाएंगे। यदि नहीं, तो अधिकांश निवेशक स्टॉक के एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद ही शेयर खरीदते हैं। यह जानकारी आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


