दिल्ली अनाजमंडी अग्निकांड Delhi Anaz Mandi Fire का अर्द्धसत्य, गिरफ्तार फैक्टरी मैनेजर ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में बताई छत के गेट को लॉक करने की वजह, इधर, समस्तीपुर से आ रही जानकारी के अनुसार, Delhi Anaz Mandi Fire में सिंघिया प्रखंड के हरिपुर और ब्रह्मपुर के कुल 11 युवक मारे गए थे। उनके शव आधी रात के बाद यहां लाए गए। दोनों गांवों में अलग-अलग एंबुलेंस से शवों को लाया गया। इसके बाद दोनों गांवों में कोहराम मच गया।
नई दिल्ली उत्तरी जिले के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी की फैक्टरी में लगी आग में 43 लोगों की मौत पर गिरफ्तार मैनेजर फुरकान ने बड़ा खुलासा किया है। इस अग्निकांड की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने फुरकान से पूछताछ कर फैक्टरी की छत के गेट को लॉक करने की वजह जानने की कोशिश की है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया,फुरकान से लंबी पूछताछ की गई है।
Delhi Anaz Mandi Fire : 11 युवकों के शव समस्तीपुर पहुंचते ही चीत्कार,अफरातफरी के बीच रोती रही हर आखें, अपनों को टटोलती रही निगाहें
फुरकान ने कहा है,इमारत की छत की सीढ़ियों पर बने दरवाजे में बाहर से ताला लगा था। इस वजह से आग की लपटों में फंसे लोग छत पर नहीं जा सके। अगर यह दरवाजा खुला होता तो लोग छत पर जाकर अपनी जान बचा सकते थे। उसने ताला लगाने की जो वजह बताई है, उससे दिल्ली पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल उठते हैं। फुरकान ने कहा है कि इलाके में चोरी की घटनाएं अधिकतर होती हैं। इस वजह से छत की सीढ़ियों के ऊपर लगे दरवाजे को बाहर से बंद किया गया था। इसका मकसद यह था कि कोई भी व्यक्ति छत के रास्ते से नीचे न आ सके।
फुरकान ने क्राइम ब्रांच को बताया है,उसे 15 हजार रुपए वेतन मिलता था। वह इमारत के किराएदारों से समय पर किराया वसूलने के अलावा देखरेख करता था। क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी खुलासा हुआ है, आग दूसरी व तीसरी मंजिल पर सीढ़ियों के पास आग लगी थी। इस वजह से भी अधिकतर लोग सीढ़ियों के रास्ते नीचे नहीं जा सके। इनके पास केवल ऊपर जाने का ही रास्ता था। लोग ऊपर की तरफ भागे भी मगर ताला लगा होने के कारण फंस गए। पुलिस का कहना है कि तीन पीड़ित परिवार अभी दिल्ली नहीं पहुंच पाए हैं। इसलिए तीन शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है। सिर्फ दो लोगों की जलने से मौत हुई है। बाकी 41 का धुएं में दम घुट गया।
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