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दिसम्बर, 25, 2025

Letter To CJI DY Chandrachud | CJI डीवाई चंद्रचूड़ को 21 रिटायर्ड जजों ने लिखा पत्र, कहा-बचा लीजिए, विश्वास मत टूटने दीजिए

सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के 21 रिटायर्ड जजों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI DY Chandrachud को पत्र लिखा है। इसमें कुछ गुटों के सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के माध्यम से न्यायपालिका को कमजोर करने की बढ़ती कोशि‍शों का जिक्र किया है। पत्र में 21 जजों ने लिखा है, गलत सूचनाओं, रणनीति और न्यायपालिका के खिलाफ जनता की भावनाओं को भड़काने को लेकर चिंतित हूं। यह अनैतिक है।हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए हानिकारक भी है। कोर्ट से जो फैसले लिए जाते हैं, अगर वो किसी के विचारों से मेल खाते हैं तो उसकी जमकर तारीफ की जाती है। लेकिन, जो फैसले लोगों के विचारों से मेल नहीं खाती है, उनकी आलोचना की जाती है। यह न्यायिक समीक्षा और कानून के शासन को देश में कमजोर करता है।

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Letter To CJI DY Chandrachud | CJI डीवाई चंद्रचूड़ को 21 रिटायर्ड जजों ने लिखा पत्र, कहा-बचा लीजिए, विश्वास मत टूटने दीजिए जहां, शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जताई गई है।

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Letter To CJI DY Chandrachud | चिट्ठी लिखने वालों में हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज और सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीश शामिल

चिट्ठी लिखने वालों में हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज और सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। इसमें कुछ गुटों की ओर से सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने के बढ़ते प्रयासों का जिक्र किया गया है।

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Letter To CJI DY Chandrachud | ऐसे दबावों के खिलाफ मजबूत होने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह

सेवानिवृत्त न्यायमूर्तियों दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह समेत पूर्व जजों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ गलत तरीके अपनाने का भी आरोप लगाया है। पत्र में रिटायर्ड जजों ने कहा कि वे विशेष रूप से गलत सूचना की रणनीति और न्यायपालिका के खिलाफ सार्वजनिक भावनाओं को भड़काने के बारे में चिंतित हैं।

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Letter To CJI DY Chandrachud | सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व वाली न्यायपालिका से ऐसे दबावों के खिलाफ मजबूत होने

उन्होंने कहा, किसी के विचारों से मेल खाने वाले न्यायिक निर्णयों की चुनिंदा रूप से प्रशंसा करने और जो किसी के विचारों से मेल नहीं खाते, उनकी तीखी आलोचना करने की प्रथा न्यायिक समीक्षा और कानून के शासन के सार को कमजोर करती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व वाली न्यायपालिका से ऐसे दबावों के खिलाफ मजबूत होने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कानूनी प्रणाली की पवित्रता और स्वायत्तता संरक्षित रहे। यह जरूरी है कि न्यायपालिका क्षणिक राजनीतिक हितों की चाहत से मुक्त होकर लोकतंत्र का एक स्तंभ बनी रहे।

Letter To CJI DY Chandrachud | कुछ गुट दबाव बनाकर, गलत सूचना फैलाकर और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को

चिट्ठी में रिटायर्ड जजों ने लिखा कि कुछ गुट दबाव बनाकर, गलत सूचना फैलाकर और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे लेकर हम साझा तौर पर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं। उन्होंने लिखा कि हमारे संज्ञान में आया है कि संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ को ध्यान में रखते हुए कुछ तत्वों द्वारा इस तरह की हरकत की जा रही है। वे हमारे न्यायप्रणाली के प्रति जनता के विश्वास को कम करने की कोशिश में हैं।

Letter To CJI DY Chandrachud | इन जजों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर अपनी बात रखी

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखने वालों में सुप्रीम कोर्ट के 4 रिटायर जज, दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश महेश्वरी और एमआर शाह शामिल हैं। वहीं 17 पूर्व जस्टिस हैं जो अलग-अलग हाईकोर्ट में कार्यरत रह चुके हैं। इन लोगों में एसएम सोनी, अंबादास जोशी, प्रमोद कोहली, एसएन धींगरा, आरके गौबा, ज्ञानप्रकाश मित्तल, रघुवेंद्र सिंह राठौड़, अजीत भरिहोके, रमेश कुमार मेरठिया, राकेश सक्सेना, करमचंद पुरी और नरेंद्र कुमार शामिल हैं। वहीं हाईकोर्ट के अन्य पूर्व जजों में एसएन श्रीवास्तव, राजेश कुमार, पीएन रवीन्द्रन, लोकपाल सिंह और राजीव लोचन का नाम शामिल है। इन जजों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर अपनी बात रखी है।

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