देश के चुनावी नक्शे में बड़ा बदलाव: 476 दलों के रजिस्ट्रेशन पर खतरा, बिहार के 34 दल भी डीलिस्ट हो सकते हैं। चुनाव आयोग की सख्ती! गैर सक्रिय दलों की सूची से 476 राजनीतिक पार्टियां होंगी बाहर। 2019 से चुनाव न लड़ने वाले 476 दल होंगे बाहर! बिहार के 34 दलों की कुर्सी खतरे में@दिल्ली-पटना,देशज टाइम्स।
बिहार के 34 राजनीतिक दल होंगे रद्द, चुनाव आयोग ने 476 पार्टियों को किया डीलिस्ट
नई दिल्ली, 2025: चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने देश के 476 राजनीतिक दलों को रजिस्ट्रर्ड पार्टियों (Registered Political Parties) की सूची से बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें बिहार के 34 दल (34 Political Parties from Bihar) भी शामिल हैं। यह कदम चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और सफाई बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है।
चुनाव आयोग का साफ-सफाई अभियान और दलों की डीलिस्टिंग
चुनाव आयोग ने 9 अगस्त 2025 तक 334 गैर-मान्यता प्राप्त दलों (Unrecognized Political Parties) को पहले ही सूची से हटा दिया था। अब दूसरे चरण में 476 दलों पर कार्रवाई हो रही है। इन दलों ने 2019 से अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा, जो चुनाव चिह्न, कर में छूट जैसी सुविधाओं के नियमों के खिलाफ है।
राज्यवार आंकड़ों में बिहार के 34 दल शामिल
सबसे अधिक दल उत्तर प्रदेश से हैं – 121, महाराष्ट्र के 44, तमिलनाडु के 42, दिल्ली के 41, और बिहार के 34 दलों का नाम डीलिस्टिंग सूची में है। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन दलों को “कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice)” भेजने और सुनवाई कराने के निर्देश दिए हैं।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29A के तहत कार्रवाई
धारा 29A के तहत, यदि कोई राजनीतिक दल लगातार 6 वर्षों तक चुनाव में हिस्सा नहीं लेता, तो उसका नाम चुनाव आयोग की सूची से हटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया से चुनाव प्रणाली में जाली दलों और निष्क्रिय पार्टियों की संख्या घटेगी, जिससे चुनाव अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगा।
चुनाव प्रणाली में सुधार का असर
चुनाव आयोग के इस कदम से न केवल राजनीतिक दलों की संख्या (Number of Political Parties) में कमी आएगी, बल्कि वोटरों के बीच चुनाव प्रक्रिया में विश्वास भी बढ़ेगा। साथ ही, यह राष्ट्रीय लोकतंत्र के मजबूत होने का संकेत है।
राज्यवार दलों की संख्या (List of Political Parties per State to be Delisted)
उत्तर प्रदेश (UP): 121, महाराष्ट्र (Maharashtra): 44, तमिलनाडु (Tamil Nadu): 42, दिल्ली (Delhi): 41, बिहार (Bihar): 34, असम (Assam): 35, हरियाणा (Haryana): 17 पंजाब (Punjab): 21 मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh): 23 राजस्थान (Rajasthan): 18 जम्मू और कश्मीर (J&K): 12 पश्चिम बंगाल (West Bengal): 12 उत्तराखंड (Uttarakhand): 11 आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh): 17 शामिल हैं।