IG level Empanelment: गृह मंत्रालय ने केंद्र सरकार में इंस्पेक्टर जनरल (IG) या समकक्ष पदों पर तैनाती के लिए 20 भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की एम्पैनलमेंट सूची को मंजूरी दे दी है।
IG पद पर प्रमोशन की बड़ी लिस्ट जारी हुई है। इसमें, बिहार कैडर के मनु महाराज और जितेंद्र राणा समेत 20 IPS अफसरों को शामिल किया गया है। IPS मनु महाराज और जितेंद्र राणा को केंद्र में IG पद के लिए ACC की मंजूरी बिहार पुलिस के लिए गर्व की बात है।
नई दिल्ली/पटना, देशज टाइम्स: भारत सरकार की कैबिनेट नियुक्ति समिति (ACC) ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 20 अधिकारियों को इंस्पेक्टर जनरल (IG) या समकक्ष पद पर नियुक्ति के लिए इम्पैनलमेंट की मंजूरी दे दी है। इस सूची में बिहार कैडर के चर्चित अफसर मनु महाराज और जितेंद्र राणा का नाम भी शामिल है।
फर्स्ट और सेकंड रिव्यू के आधार पर चयन
इस प्रमोशन की सूची दो भागों में तैयार की गई है। 18 अधिकारी प्रथम समीक्षा (First Review) के आधार पर चयनित है। 2 अधिकारी द्वितीय समीक्षा (Second Review) के तहत प्रमोट किए गए हैं।
सेकंड रिव्यू के तहत चयनित अधिकारी
राजेश कुमार (ओडिशा, 1998 बैच), नजमुल होदा (तमिलनाडु, 2001 बैच)।
फर्स्ट रिव्यू के तहत प्रमोटेड अधिकारी
सत्य नारायण, प्रविणकुमार तबाजी (महाराष्ट्र, 2004), इरशाद वली (मध्यप्रदेश, 2004), सी. मगेस्वरी (तमिलनाडु, 2004), प्रवीण कुमार त्रिपाठी, सब्य साची रमन मिश्रा (पश्चिम बंगाल, 2004), वी. सिवा प्रसाद गंजाला (अरुणाचल प्रदेश-मिजोरम, 2005), जितेंद्र राणा, मनु महाराज (बिहार, 2005), कोरी संजय कुमार गुरुदिन (केरल, 2005), परम् ज्योति (राजस्थान, 2005), कृष्ण कुमार वीके (उत्तराखंड, 2005), राम कृष्ण भारद्वाज, जे. रविंदर गौड़, दीपक कुमार, सुभाष चंद्र दुबे, अखिलेश कुमार (उत्तर प्रदेश, 2005), एनएस चक्रवर्ती (पश्चिम बंगाल, 2005) शामिल हैं।
मनु महाराज और जितेंद्र राणा क्यों हैं खास?
मनु महाराज बिहार में कई जिलों में एसपी रहे हैं और सख्त छवि वाले आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं। जितेंद्र राणा भी कई अहम पदों पर रह चुके हैं और उनके प्रशासनिक फैसलों की तारीफ होती रही है। इन दोनों का IG रैंक तक पहुँचना बिहार के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
देशभर के 20 अफसर अब IG पद पर तैयार
ACC द्वारा जारी इस मंजूरी के बाद अब ये सभी अफसर केंद्र सरकार में IG या समकक्ष पदों पर नियुक्त हो सकते हैं। इससे पहले इनका मूल्यांकन “First” या “Second Review” के तहत किया गया था।