दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि अमिताभ बच्चन की अनुमति के बिना उनकी तस्वीर, आवाज और अन्य व्यक्तिगत प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं हो सकता। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने ये अंतरिम आदेश दिया।
अमिताभ बच्चन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने नाम, फोटो, आवाज और अन्य प्रतीकों के अनुमति के बिना इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी। अमिताभ बच्चन की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि ऑनलाइन लॉटरी और टीशर्ट, वीडियो कॉल जैसी चीजों में बिना अनुमति के उनके मुवक्किल की फोटो और आवाज का इस्तेमाल किया जा रहा है। बहुत सारी वेबसाइट के डोमेन भी बच्चन के नाम पर रजिस्टर किए जा रहे हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को टेलीकॉम मिनिस्ट्री समेत सम्बधित विभाग को अमिताभ बच्चन से सम्बंधित चीजो को हटाने के लिए कहा जो बिना उनकी अनुमति के इस्तेमाल किया जा रहा है।
न्यायमूर्ती नवीन चावला की पीठ ने अमिताभ बच्चन के पर्सनैलिटी राइट्स के संरक्षण पर मुहर लगा दी है। कोर्ट के अनुसार, अमिताभ बच्चन देश के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से हैं और विभिन्न विज्ञापनों में उनके नाम और चेहरे का इस्तेमाल होता रहता है।
कई बार लोगों की ओर से उनकी अनुमति के बिना अपने सामान और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उनकी आवाज, चेहरे का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बिग बी परेशान हैं. ऐसे में उन्होंने अदालत के समक्ष अपनी समस्या रखी।
इस केस की सुनवाई शुक्रवार को जस्टिस नवीन चावला की अदालत में हुई। जस्टिस चावला ने इलेक्ट्रानिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री और टेलिकॉम सर्विसेस से कहा कि वे फौरन बिग बी के नाम, फोटो और आवाज से जुड़े कंटेट को हटा दें। इसके अलावा, कोर्ट ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से उन ऑनलाइन लिंक्स को भी हटाने के लिए कहा है जो बिग बी की पर्सनैलिटी राइट्स के तहत आते हैं।
याचिका में मांग की गई है कि दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि ऐसी वेबसाइट और ऐप पर रोक लगाए। याचिका में अमिताभ बच्चन ने ऐसे ऐप और वेबसाइट से दो करोड़ एक हजार रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। याचिका में नौ वेबसाइट और ऐप का जिक्र किया गया है जो उनके नाम का इस्तेमाल करते पाए गए हैं।