back to top
5 जुलाई, 2024
spot_img

रामजन्मभूमि के सबूत खोद निकालने वाले पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री विभूषण 101 वर्षीय बीबी लाल नहीं रहे

spot_img
Advertisement
Advertisement

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री विभूषण प्रो. बीबी लाल का शनिवार को निधन हो गया। उनका पूरा नाम ब्रजबासी लाल और उम्र 101 साल की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताते हुए श्रद्धांजलि दी है। बीबी लाल को भारत का सबसे वरिष्ठ आर्कियोलॉजिस्ट माना जाता था। वह 100 साल की उम्र में भी आर्कियोलॉजी से जुडे़ शोधों में और इसके लेखन में सक्रिय थे।

जानकारी के अनुसार,पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता बीबी लाल के निधन की खबर से सभी शोकाकुल हैं। पुरातत्वविद् बीबी लाल ने अनेक ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की खुदाई की, जिसमें सबसे अधिक ख्याति अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचे की नींब में भगवान राम का मंदिर होने की खोज के लिए मिली थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व महानिदेशक बी बी लाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृति और पुरातत्व में उनका योगदान अद्वितीय है।

प्रधानमंत्री ने बीबी लाल के साथ मुलाकात की अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, बी बी लाल एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व थे। संस्कृति और पुरातत्व में उनका योगदान अद्वितीय है। उन्हें एक महान बुद्धिजीवी के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने हमारे समृद्ध अतीत के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा किया। उनके निधन से आहत हूं। मेरे विचार उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि श्री बीबी लाल का हमारे समृद्ध अतीत से गहरा नाता था। पीएम ने लिखा कि उनके निधन से गहरे सदमे में हूं। इसके बाद उन्होंने परिवार के साथ अपनी सांत्वना व्यक्त की।

बीबी लाल का जन्म झांसी जिला के बैडोरा गांव में 02 मई 1921 को हुआ था। उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में सेवा शुरू की। बीबी लाल को साल 2000 में पद्मभूषण के सम्मान से नवाजा गया था। इसके बाद 2021 में पद्मविभूषण का भी सम्मान दिया गया था।

बीबी लाल ने महाभारत और रामायण से जुड़ी साइट्स के साथ-साथ सिंधु घाटी और कालीबंगन पर भी खूब काम किया था। उनके काम से जुड़ी तमाम किताबें और सैकड़ों रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। बीबी लाल 1968 से 1972 तक भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग के डायरेक्टर रहे। इसके अलावा वह यूनेस्को की विभिन्न समितियों में भी शामिल रहे थे। साल 1944 में सर मोर्टिमर व्हीलर ने उन्हें तक्षशिला में ट्रेनिंग दी थी।

जरूर पढ़ें

Darbhanga Traffic DSP Rahul Kumar उतरे सड़क पर, लोहिया चौक पर बांटे हेल्मेट, कहा-पहना करो

प्रभास रंजन, दरभंगा ट्रैफिक थाना की ओर से बृहस्पतिवार को साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी...

कुशेश्वरस्थान में हर घर होगा फॉर्म संग्रह, सेविका-सहायिका को मिला टास्क

कुशेश्वरस्थान पूर्वी (दरभंगा), देशज टाइम्स। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए विशेष गहन...

Higher Education Reform| राज्यपाल और सीएम नीतीश की राजभवन में मुलाकात, रिजल्ट भी तत्काल, बदले गए इस विश्वविद्यालय के कुलपति, बाकी की बारी जल्द!

CM नीतीश और राज्यपाल की अहम मुलाकात: कुलपति की नियुक्ति पर सीएम-राज्यपाल आमने-सामने? जानिए...

Online Fraud में उड़ गए थे ₹72,000 – Darbhanga Cyber Police Team ने वापस दिलवाया – पढ़िए कैसे हुआ चमत्कार

साइबर ठगी के बाद भी मिला पैसा वापस! दरभंगा पुलिस ने दिलाई 72 हजार...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें