चक्रवाती तूफान को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी किया है। इसमें चेतावनी देते हुए विभाग ने कहा है कि अगले चौबीस से अड़तालीस घंटे के भीतर बड़ा साइक्लोन ‘बिपरजॉय’ तूफान आ रहा है। इससे 24 घंटों में मौसम बदलने वाला है। IMD का इस बड़े Alert के बाद लोग सकते में हैं।
अरब सागर के ऊपर साइक्लोन ‘बिपारजॉय’ के उत्तर की ओर बढ़ रह है। अगले कुछ घंटों में यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। चक्रवात ‘बिपारजॉय’ को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात में अलर्ट जारी किया है।
दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ में बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ घंटों में ये उसी क्षेत्र में इस चक्रवाती तूफान के और तेज होने की संभावना है।
यह चक्रवाती तूफान तेजी से भारत के तटीय इलाके की ओर बढ़ रहा है। अगले कुछ घंटों में इस तूफान के और तेज होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है।
आईएमडी का कहना है कि इसके चलते 24 घंटे में कोंकण के तटीय इलाके रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदर्ग के अलावा मुंबई, ठाणे व पालघर में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, दक्षिण- पूर्व अरब सागर के ऊपर एक गहरा दबाव चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया गया है। आईएमडी ने आज इसे लेकर चेतावनी जारी की है।
IMD ने कहा कि पूर्व- मध्य अरब सागर के ऊपर बने गहरे दवाब का क्षेत्र अब तूफान का रूप ले चुका है । मौसम विभाग के मुताबिक इसके कारण 24 घंटे में कोंकण के तटीय इलाके रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदर्ग के अलावा मुंबई, ठाणे, पालघर में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिलेगी ।
दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चार किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ा और एक चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ में तब्दील हो गया।
शाम साढ़े पांच बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 1130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और कराची से 1430 किलोमीटर दक्षिण में स्थित था।’ इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।
इस दौरान केरल- कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप- मालदीव इलाकों में छह जून और कोंकण- गोवा- महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है।
आईएमडी ने कहा है कि दक्षिण- पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन प्रभावित हो सकता है। हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई।
इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है।
आईएमडी ने इससे पहले कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मॉनसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।
स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और यह 3 दिन पहले या बाद में हो सकता है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा होती है।