दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने डिजिटल युग में हर किसी की नींद उड़ा दी है। देश में साइबर अपराधों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है, और जो रिपोर्ट आई है, वो सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि हमारे ऑनलाइन जीवन की कड़वी सच्चाई बता रही है। क्या आप भी ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित हैं?
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट ने देश में बढ़ते साइबर अपराधों की एक चिंताजनक तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में साइबर अपराध के दर्ज मामलों में पिछले साल के मुकाबले 15% की बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जैसे-जैसे हम डिजिटल दुनिया पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे इससे जुड़े खतरे भी बढ़ रहे हैं।
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की चौंकाने वाली रिपोर्ट
एनसीआरबी की यह रिपोर्ट बताती है कि साइबर अपराधियों ने देश के हर कोने में अपनी पैठ बना ली है। राज्यों के आंकड़ों पर गौर करें तो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में साइबर अपराध के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इन राज्यों में ऑनलाइन धोखाधड़ी और अन्य डिजिटल अपराधों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है, जो पुलिस और आम जनता दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
रिपोर्ट में एक और बेहद परेशान करने वाला रुझान सामने आया है – वित्तीय धोखाधड़ी। कुल साइबर अपराधों में 60% से अधिक मामले वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित हैं। इसका मतलब है कि ज्यादातर अपराधी सीधे तौर पर लोगों की मेहनत की कमाई को निशाना बना रहे हैं। इसमें ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, एटीएम फ्रॉड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड फ्रॉड और विभिन्न प्रकार के फिशिंग स्कैम शामिल हैं।
वित्तीय धोखाधड़ी बनी सबसे बड़ा खतरा
कानून प्रवर्तन एजेंसियां लगातार नागरिकों से अधिक सतर्क रहने और अपनी ऑनलाइन सुरक्षा मजबूत करने का आग्रह कर रही हैं। डिजिटल लेनदेन में वृद्धि और इंटरनेट तक पहुंच बढ़ने के साथ, जालसाजों को नए अवसर मिल रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि डिजिटल साक्षरता बढ़ने के बावजूद, साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियमों की अनदेखी इन अपराधों को बढ़ावा दे रही है।
साइबर अपराधों में वृद्धि के पीछे की वजह
साइबर अपराधों में इस वृद्धि के कई कारण माने जा रहे हैं। एक प्रमुख कारण ऑनलाइन लेनदेन और डिजिटल सेवाओं का बढ़ता उपयोग है। स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच ने लोगों के लिए सब कुछ आसान कर दिया है, लेकिन इसी आसानी का फायदा अपराधी उठा रहे हैं। कई लोग अभी भी कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक करते हैं या अपनी व्यक्तिगत जानकारी आसानी से साझा कर देते हैं, जिससे वे साइबर अपराधियों का शिकार बन जाते हैं।
साइबर सुरक्षा: नागरिकों और सरकार के प्रयास
केंद्र सरकार ने भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। इन अभियानों का उद्देश्य आम जनता को ऑनलाइन खतरों, उनसे बचने के तरीकों और शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करना है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सरकारी प्रयासों से यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। प्रत्येक नागरिक को अपनी डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक और जिम्मेदार होना होगा।
सार्वजनिक सुरक्षा के लिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि बैंक और वित्तीय संस्थान भी अपने ग्राहकों को साइबर धोखाधड़ी के नए तरीकों के बारे में लगातार अपडेट करते रहें। दो-कारक प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) और मजबूत पासवर्ड का उपयोग अनिवार्य करना, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करना, इन अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।








