परिवार नियोजन के लिए कॉन्डोम जरूरी नहीं है। कारण, अब पुरुष भी गर्भनिरोधक ले सकेंगे। आइसीएमआर का सफल ट्रायल हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, मौजूदा दौर में एक से ज्यादा सेक्स पार्टनर का ट्रेंड काफी बढ़ गया है, जिसके कारण अनचाही प्रेग्नेंसी के खतरे में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में महिलाओं को गर्भधारण करने में अबॉर्शन का सहारा लेना पड़ता है जो न सिर्फ अमानवीय है बल्कि एक फीमेल के लिए एक पेनफुल एक्सपीरिएंस भी होता है।
हालांकि कंडोम के जरिए अनवॉन्टेड प्रेग्नेंसी को रोका जा सकता है, फिर कई बार गर्भ धारण करने के डर से महिलाएं इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का सेवन करती हैं, लेकिन क्या पुरुषों के लिए भी कोई कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स बनी है?
परिवार नियोजन में पुरुषों के लिए उपलब्ध विकल्पों में कंडोम ही है। जबकि महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का विकल्प है। अब आइसीएमआर के क्लीनिकल टेस्ट के बाद पुरुषों के लिए भी गर्भनिरोधक गोली तैयार है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक ये सेफ और इफेक्टिव है। ये एक तरह का इंजेक्शन है जो लंबे वक्त तक स्टेरिलिटी देता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस कंडीशन को रिवर्स भी किया जा सकता है। इसे 303 सेहतमंद पुरुषों पर रिसर्च किया गया है। और बिलकुल सुरक्षित पाया गया है।
क्लीनिकल टेस्ट में आइसीएमआर ने 303 लोगों को शामिल किया है। टेस्ट के पूरा होने बाद जांच के अनुसार इन गर्भनिरोधक गोलियों का कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह टेस्ट 7 साल तक चला है। टेस्ट रिजल्ट में स्पष्ट हुआ है कि यह गर्भनिरोधक लंबे समय तक असरदार है।
इस टेस्ट की हॉस्पटिल बेस्ड स्टडी जयपुर, नई दिल्ली, खडगपुर, उधमपुर और लुधियाना में की गई। स्टडी में पता चला कि कुछ पुरुषों को थोड़ी दिक्कत हुई, जो कि आसानी से खत्म भी हो गई। इनमें पेशाब में जलन या बुखार जैसी समस्या सामने आई थी।
स्टडी में स्पष्ट हुआ कि इन लक्षणों के अलावा साइड इफेक्ट नगण्य है। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि कॉन्डोम ब्रेकेज की तुलना में इसके फेल्योर रेट काफी कम है। इंटरनेशनल जर्नल ऐंड्रोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक तीसरे चरण की स्टडी में जिन 303 युवाओं को शामिल किया गया था, वे सभी 25 से 40 की उम्र के विवाहित पुरुष थे।