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22 नवम्बर, 2024
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New Criminal Laws News| नए आपराधिक कानून का पहला दिन, पहला FIR, दिल्ली में दर्ज हुआ BIHAR के नाम, Delhi में Bihar के पंकज राय पर नए कानून का पहला FIR दर्ज

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New Criminal Laws News| नए आपराधिक कानून का पहला दिन, पहला FIR, दिल्ली में दर्ज हुआ BIHAR के नाम, Delhi में Bihar के पंकज राय (First FIR under new criminal law against Pankaj Rai of Bihar in Delhi) पर नए कानून का पहला FIR दर्ज। जहां, देश भर में एक जुलाई से नए कानून लागू हुए हैं। इस नए कानून के तहत ही दिल्ली में पहला मामला बिहार के युवक पंकज राय पर दर्ज हुआ है। यह पहला मामला दिल्ली के कमला मार्केट इलाके का है। यहां खुद पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर ने आरोपी बिहार के बाढ़ के पंकज राय के खिलाफ तीन नए आपराधिक कानून के तहत एक कानून में सोमवार को  मामला दर्ज किया है।

New Criminal Laws News| बख्तियारपुर के पंकज ने बीड़ी सिगरेट की दुकान सड़क पर लगा रखी थी

जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास डीलक्स शौचालय के नजदीक बिहार के बाढ़-बख्तियारपुर निवासी पंकज राय ने बीड़ी सिगरेट की दुकान सड़क पर लगा रखी थी। पुलिस के कहने के बाद भी पंकज राय ने दुकान नहीं हटाई। सड़क पर दुकान होने के कारण यातायात प्रभावित हो रहा था। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 285 के तहत एफआईआर कमला नेहरू नगर थाने के सब इंस्पेक्टर कार्तिक मीणा की तरफ से कराई गई है।

New Criminal Laws News| पुलिस के कहने के बाद भी पंकज राय ने दुकान नहीं हटाई।

जानकारी के अनुसार,पंकज राय ने बीड़ी सिगरेट की दुकान सड़क पर लगा रखी थी। पुलिस के कहने के बाद भी पंकज राय ने दुकान नहीं हटाई। सड़क पर दुकान होने के कारण यातायात प्रभावित हो रहा था। कार्तिक मीणा ने राहगीरों से कहा कि वह दुकानदार के खिलाफ लिखित शिकायत दें, लेकिन व्यस्तता के कारण किसी ने लिखित तहरीर नहीं दी। इसके बाद कार्तिक मीणा ने खुद तहरीर लिखी और पुलिसकर्मियों से तहरीर थाने भिजवाई और दुकानदार पंकज राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

New Criminal Laws News| आईपीसी के विपरीत, भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं।

एफआईआर में कहा गया है कि जब गश्त कर रहे अधिकारियों ने पंकज से अपना ठेला हटाने को कहा तो उसने उनकी बात अनसुनी कर दी। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी के स्थान पर नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया गया है। आईपीसी के विपरीत, भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं। संहिता में 20 नये अपराध जोड़े गए हैं तथा नये आपराधिक कानून के तहत 33 अपराधों के लिए जेल की सजा बढ़ा दी गई है।

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