दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान– Harvard में अब विदेशी छात्र नहीं पढ़ सकेंगे। इनपर वैश्विक बैन लगा दिया गया है। ऐसे में, विदेशी छात्रों को दाखिला तो नहीं ही मिलेगा। करीब 10,000 विदेशी छात्रों का भविष्य भी अधर में –ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला। छीनी विदेशी छात्रों की पात्रता।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक, ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला
ऐसे में – क्या हार्वर्ड फिर से खड़ा हो पाएगा? वजह, यह सिर्फ एक फैसला नहीं, वैश्विक शिक्षा पर हमला है। प्रदर्शन, वैचारिक टकराव और प्रशासन से ठनी जंग से – हार्वर्ड पर स्वतंत्रता भारी पड़ गई है।
ट्रंप प्रशासन ने खत्म किया हार्वर्ड का इंटरनेशनल एडमिशन सर्टिफिकेशन – विदेशी छात्रों को अमेरिका छोड़ने का आदेश
वॉशिंगटन, देशज टाइम्स| अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) को विदेशी छात्रों को दाखिला देने से रोक दिया गया है। ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय का “विदेशी छात्र एवं विनिमय आगंतुक कार्यक्रम प्रमाणन (SEVP Certification)” रद्द कर दिया है। इसके चलते नए विदेशी छात्रों का एडमिशन बंद हो गया है, और मौजूदा छात्रों को स्थानांतरित होने या अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है।
हार्वर्ड और ट्रंप प्रशासन के बीच वैचारिक टकराव बना वजह
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला हार्वर्ड द्वारा अमेरिकी प्रशासन की कुछ प्रमुख नीतियों को मानने से इनकार करने के कारण लिया गया है।
गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम (Kristi Noem) ने कहा:
“हार्वर्ड विश्वविद्यालय अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकता है, और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी कानूनी स्थिति बनाए रखने के लिए अमेरिका से बाहर जाना होगा।“
2024-25 में 6,793 इंटरनेशनल छात्रों का नामांकन हुआ था
वर्तमान में हार्वर्ड में 9,970 विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। 2024-25 शैक्षणिक सत्र में 6,793 नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन हुआ था। विश्वविद्यालय 140 से अधिक देशों के छात्रों को शिक्षा देता है।
हार्वर्ड प्रशासन ने बताया फैसला गैरकानूनी, कहा – ये हमारी शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला है
हार्वर्ड के प्रवक्ता जेसन न्यूटन ने बयान में कहा:
“यह फैसला गैरकानूनी, प्रतिशोधात्मक और शैक्षणिक समुदाय के लिए नुकसानदायक है।“
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगा और शैक्षणिक स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं करेगा।
क्यों भड़का ट्रंप प्रशासन?
गृह सुरक्षा विभाग ने हार्वर्ड से विदेशी छात्रों के व्यवहार का रिकॉर्ड मांगा था। हार्वर्ड ने यह डेटा देने से इनकार कर दिया। कैंपस में इज़राइल-हमास युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन ट्रंप प्रशासन को खल रहे थे। व्हाइट हाउस ने कहा –
“हार्वर्ड यहूदी विरोधी, अमेरिका विरोधी और आतंकवाद समर्थक विचारों का अड्डा बन गया है“
हार्वर्ड के कई प्रोफेसर इसे “वैचारिक लड़ाई और राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं।
SEVP सस्पेंशन का असर क्या होगा?
नए विदेशी छात्र अब हार्वर्ड में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। मौजूदा छात्र अपनी लीगल स्टेटस खो सकते हैं। अमेरिका में विश्वविद्यालय की रैंकिंग और प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा। देश के बाहर से उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका आने वाले छात्रों में डर का माहौल बनेगा।