बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के आज सोमवार शाम तक चक्रवात में तब्दील होने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी। इस चक्रवाती तूफान को ‘हामून’ कहा जाएगा, जो ईरान की ओर से दिया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक रविवार रात को उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ने के बाद गहरे दबाव वाला यह क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पारादीप से लगभग 400 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है।
पश्चिम बंगाल में यदि चक्रवात और मजबूत हुआ तो पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे बिहार एवं झारखंड पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। दरअसल, यह इस पर निर्भर करता है कि चक्रवात किस हद तक प्रभावी होता है। चक्रवात के ज्यादा गंभीर होने की स्थिति में पश्चिम बंगाल के साथ ही झारखंड में भी इसका असर देखने को मिलता है।
भीषण चक्रवाती तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 115-125 किमी प्रति घंटे से लेकर 140 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। भीषण चक्रवाती तूफान ‘हामून’ अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि गहरे दबाव के अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की तरफ बढ़ने और 25 अक्टूबर की शाम के आस-पास गहरे दबाव के रूप में खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार करने का अनुमान है। इधर ओडिशा सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। उसने भारी बारिश होने की सूरत में प्रशासन से निचले इलाकों से लोगों को निकालने को भी कहा है।
मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात ‘तेज’, जो रविवार को बेहद भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया, कमजोर होकर बेहद भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम एजेंसी ने कहा कि चक्रवात तेज के 24 अक्टूबर की सुबह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में बदलने और इसके यमन में अल ग़ैदा और ओमान में सलालाह के बीच यमन-ओमान तट को पार करने की संभावना है।
बुलेटिन के मुताबिक, रविवार रात को उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ने के बाद गहरे दबाव वाला यह क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में ओडीशा के पारादीप से लगभग 400 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल के दीघा से करीब 550 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है।
बुलेटिन में कहा गया है, ‘गहरे दबाव के अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इसके उत्तर-उत्तर पूर्व की तरफ बढ़ने और 25 अक्टूबर की शाम के आसपास गहरे दबाव के रूप में खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार करने का अनुमान है।
इस बीच, पश्चिम सरकार ने दुर्गा पूजा की धूम के बावजूद तटवर्ती जिलों के जिलाधिकारी को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। भारी बारिश की सूरत में प्रशासन से निचले इलाके से लोगों को निकालने को भी कहा है। विभाग ने मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी है। मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पूजा आयोजकों ने पर्व के दौरान संभावित बारिश और तेज हवाओं से निपटने की तैयारियां की हैं।