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18 मार्च, 2024
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Major Lapse In Security Of Parliament | संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक, कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से कूदे दो लोग, यह गैस कैसी थी…उठे सवाल, बाहर में लोगों ने स्मोग पटाखे फोड़े, नारेबाजी

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लोकसभा की दर्शक दीर्घा से बुधवार को दो व्यक्तियों ने छलांग लगा दी। वे सदन के बीचों बीच आ गए। इसी बीच संसद के बाहर भी एक महिला और एक युवक ने इसी तरह स्मोग पटाखे फोड़कर नारेबाजी की। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित (Major lapse in security of Parliament, two people jumped during proceedings) कर दिया गया। पढ़िए पूरी खबर

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, जिसके बाद कार्यवाही अचानक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन में शून्यकाल के दौरान दोपहर करीब एक बजे दर्शक दीर्घा से दो व्यक्ति सदन में कूदे और इनमें से एक व्यक्ति मेज को फांदते हुए आगे की ओर भाग रहा था। सुरक्षाकर्मियों और कुछ सांसदों ने उसे घेर लिया। बाद में दोनों को पकड़ लिया गया।

पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कुछ सांसदों का कहना है कि सदन में कूदने वाले व्यक्तियों ने कुछ ऐसे पदार्थ का छिड़काव किया, जिससे गैस फैल गई। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि सदन में दो लोग कूदे।

लोकसभा से बाहर आकर सदस्यों ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। सदस्यों ने मीडियाकर्मियों को बताया कि दो युवक जिनकी आयु 20-25 वर्ष के आसपास थी, वे लोकसभा की दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए। उन्हें सांसदों ने पकड़ने की कोशिश की तो जूते से कुछ निकाला जिससे धुआं निकलने लगा। इन्हें बाद में सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया गया। सांसदों का कहना है कि वे जयभीम और तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगा रहे थे।

इसी बीच संसद के बाहर भी एक महिला और एक युवक ने इसी तरह स्मोग पटाखे फोड़कर नारेबाजी की। उन्होंने किसी मुद्दे की बात नहीं रखी, बल्कि तानाशाही नहीं चलेगी का नारा लगाया।

समाजवादी पार्टी के सांसद एस टी हसन ने कहा कि दर्शक दीर्घा से दो लोग लोकसभा कक्ष में कूदे और जूते से कुछ ऐसी चीज निकाली, जिससे गैस फैलनी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘यह गैस कैसी थी, यह कोई जहरीली गैस तो नहीं थी।

हमें संसद की सुरक्षा में भारी गंभीर खामी नजर आ रही है। इस तरह से तो कोई जूते में बम रखकर आ सकता है।’’ हसन ने कहा कि इस तरह की सुरक्षा चूक पर आगे ध्यान देने की जरूरत है। संसद की सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई है।

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