प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को खास नीले रंग की जैकेट पहनकर संसद पहुंचे। यह जैकेट प्लास्टिक की बोतलों PET को रिसाइकल कर बनाई गई है। इसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पीएम मोदी को इंडिया एनर्जी वीक में गिफ्ट के तौर पर दी थी। पीएम मोदी सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
इस दौरान पीएम मोदी के पहनावे को लेकर खूब चर्चा हो रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने इस दौरान जो जैकेट पहनी वो प्लास्टिक की खराब बोतलों को रिसाइकिल करके बनाई गई है। इसे सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पीएम मोदी को भेंट की थी। कंपनी ने इसी तरह से प्लास्टिक की खराब बोतलों से ड्रेस बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है।
कंपनी की योजना हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बॉटल को रिसाइकिल किया जाता है। इससे कपड़े बनाने में इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है क्योंकि इसमें पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। आईओसी की योजना PET बॉटल्स का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है। पढ़िए पूरी खबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के लिए संसद पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी हल्के नीले रंग की सदरी पहने हुए नजर आए। प्रधानमंत्री ने जो सदरी पहनी है उसे प्लास्टिक की खराब बोतलों को रिसाइकिल करके बनाया गया है। इस सदरी को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने बनाया है और बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक के मौके पर पीएम मोदी को भेंट की थी। कंपनी ने पेट्रोल पंप एवं LPG एजेंसी पर तैनात अपने कर्मचारियों के लिए ऐसी वर्दी बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है।
सोमवार को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पीएम मोदी को भेंट की थी। कंपनी ने इसी तरह से प्लास्टिक की खराब बोतलों से ड्रेस बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है।
दरअसल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की योजना बनाई है। रिसाइकिल होने वाली इन बोतलों से कपड़े बनाए जाएंगे। ट्रायल के तौर पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों ने जैकेट तैयार की थी। जिसे पीएम मोदी को भेंट किया गया है।
इंडियन ऑयल के अनुसार, एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बोतल को रिसाइकिल किया जाता है। कंपनी की योजना हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी।
कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। आईओसी की योजना PET बोतलों का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।
कितनी बोतल में बनती है एक जैकेट?
पीएम मोदी के लिए तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने जैकेट तैयार की है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर ने दावा किया कि उन्होंने इंडियन ऑयल को PET बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बोतल का इस्तेमाल होता है। एक पूरी यूनिफॉर्म बनाने में औसतन 28 बोतल का प्रयोग होता है। प्लास्टिक बोतल से बने गारमेंट की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इसे कलर करने में एक बूंद पानी की भी इस्तेमाल नहीं होता है।