back to top
12 अगस्त, 2024
spot_img

Mustard Oil Price: आम लोगों की पहुंच से दूर हुआ सरसों तेल, एक साल में बढ़ गई दोगुनी कीमत

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला Deshaj Times...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित मंच...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.COM
spot_img
Advertisement
नई दिल्ली। भारतीय उपभोक्ताओं को तेल की कीमत ने पिछले एक साल के दौरान लगातार परेशान किया है। डीजल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में तो लगातार बढ़ोतरी हो ही रही है, खाद्य तेलों ने भी जबरदस्त छलांग लगाकर सामान्य उपभोक्ताओं का कचूमर निकाल दिया है। पिछले 1 साल में सरसों के तेल कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। इस कारण देश की कुल आबादी के एक बड़े हिस्से को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल मई के दूसरे पखवाड़े में सरसों तेल की कीमत लगभग 90 रुपये प्रति लीटर थी। जो अब बढ़कर 170 से लेकर 186 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है। कुछ ब्रांड में तो सरसों तेल की खुदरा कीमत 206 रुपये प्रति लीटर तक हो गई है।केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस सीजन में सरसों का रिकॉर्ड 104.27 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया है। देश में सरसों तेल की लगातार बढ़ रही मांग और इसकी कम उपलब्धता को देखते हुए पिछले कई सालों से सरसों और सरसों तेल के निर्यात पर अघोषित रोक लगी हुई है।
पिछले रबी सीजन के दौरान भी देश में सरसों की बंपर पैदावार हुई थी। बड़ी बात ये भी है कि अधिकांश जगहों पर किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत पर सरसों की बिक्री की थी। सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 46.5 रुपये प्रति किलो है, जबकि देश में ज्यादातर जगहों पर थोक बाजार में इसे 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल यानी 50 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा गया।
जानकारों का कहना है कि देश में कोरोना संक्रमण के कारण थोक बाजार में सरसों की आवक में लगातार कमी आई है। इसके साथ ही सरसों तेल के नेचुरल एंटीबायोटिक होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी खपत भी कोरोना काल के दौरान पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ गई है। इसकी वजह से थोक बाजार में सरसों की किल्लत होने लगी है और सरसों तेल लगातार महंगा होता जा रहा है।
खाद्य तेल के क्षेत्र में अपनी जरूरत पूरी करने के लिए भारत काफी हद तक आयात पर निर्भर करता है। अपने देश में बड़ी मात्रा में पाम, राइस ब्रान और सनफ्लावर ऑयल का आयात किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम ऑयल और सनफ्लावर ऑयल में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। राइस ब्रान ऑयल अपनी महंगाई के कारण पहले ही आम उपभोक्ताओं की पहुंच से दूर है। सूरजमुखी का उत्पादन करने वाले देशों में मौसम की मार के कारण सूरजमुखी की फसल खराब होने से इसके तेल की कीमत में लगातार तेजी बनी हुई है।
इन तेलों की कीमत में तेजी आने के कारण भी सरसों तेल की मांग पहले से काफी बढ़ गई है। जानकारों का कहना है कि आवक घटने, मांग बढ़ने और वैश्विक कीमत में बढ़ोतरी होने की वजह से ही सरसों तेल समेत सभी खाद्य तेलों में पिछले एक साल के दौरान लगभग दोगुनी की तेजी आ गई है। बाजार के जानकारों का ये भी कहना है कि खाद्य तेलों की कीमत में तत्काल राहत मिलने की संभावना भी नजर नहीं आ रही है।
यह भी पढ़ें:  'SIR' में 65 लाख वोटर बाहर, अब Bihar के 34 दलों की मान्यता होंगे रद, कुर्सी खतरे में!@Bihar Elections में DelistingTwist

जरूर पढ़ें

Bihar में फास्ट ट्रैक जस्टिस: –पढ़िए Bihar Police की जीत का राज@विनय और दराद

सिर्फ 6 महीने में बिहार पुलिस ने दिलवाई 64 हज़ार सजाएं – 3 को...

मॉनसून की द्रोणिका DARBHANGA के आसमान पर, BIHAR में बाढ़ का उफ और बहती जिंदगी…पढ़िए 15 करोड़ का रिंग बांध बहा, 7 जिले टापू...

खतरे में लाखों की जिंदगी, मौत, तबाही। टापू में तब्दील, उफान पर नदियां, घरों...

Darbhanga, Madhubani, Samastipur नगर निगम में होगा अंचल गठन, पटना की तर्ज पर 18 जिले बनेंगे मॉडल

Darbhanga, Madhubani, Samastipur नगर निगम में होगा अंचल गठन, पटना की तर्ज पर 18...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें