सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के एक करोड़ निवेशकों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आदेश दिया कि वो सहारा की ओर से जमा किये गये 24 हजार करोड़ रुपये में से 5 हजार करोड़ रुपये वापस करे। कोर्ट ने यह आदेश केंद्र सरकार की एक याचिका पर दिया है।
मामला 30 सितंबर 2009 की है जब सहारा ने आइपीओ (IPO) के लिए सेबी में आवेदन किया और गलत तरीके से निवेशकों से 24000 करोड़ की रकम जुटाई। सेबी ने इसमें कई गलतियां पाई। इसके बाद से यह जांच का विषय बन गया। मामला सामने आने के बाद सेबी ने सहारा की दोनों कंपनियों को पैसा न जुटाने का आदेश दे दिया और साफ कर दिया कि निवेशकों को उनका पैसा 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाया जाए।
सहारा समूह की ओर से बाजार नियामक सेबी के पास जमा किए गए 24,000 करोड़ रुपये में से डिपॉजिटर्स को 5,000 करोड़ रुपये के भुगतान का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एक याचिका पर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट से सहारा के एक करोड़ निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया है कि निवेशकों की ओर से जमा किये गये 24000 हजार करोड़ रुपये में से 5000 करोड़ रुपये तुरंत वापस किए जाएं। इन 5000 करोड़ रुपए को करीब 1.1 करोड़ निवेशकों को दिया जाएगा।
इससे पहले कल बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की रियल एस्टेट कंपनी से 6.57 करोड़ रुपए की वसूली कर ली थी। दरअसल ये बकाया ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय और अन्य बकायेदारों से वसूल किया गया है।
याचिका में सेबी के पास सहारा समूह के जमा पैसे को निवेशकों के बीच बांटने के लिए मंजूरी देने की मांग की गई थी। अब कोर्ट के इस फैसले के बाद करीब 1.1 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा मिलने का रास्ता साफ हो गया।
इससे पहले पिछले साल जून में सहारा 6 करोड़ का भुगतान करने में विफल रहा था। इसके चलते सेबी ने कुर्की और वसूली प्रक्रिया को शुरू कर दिया था। अब उम्मीद है कि निवेशको को उनका पैसा जल्द मिल सकेगा। दरअसल सहारा का ये विवाद काफी पुराना है। सहारा का स्कैम सहारा ग्रुप की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन से जुड़ा है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सेबी के पास जमा 24 हजार करोड़ रुपये में से 5 हजार करोड़ रुपये वापस करने की मांग की थी। पांच करोड़ की यह धनराशि 1.1 करोड़ निवेशकों को दी जाएगी। निवेशकों से धोखाधड़ी के एक दूसरे मामले में 2012 में बने इस फंड में लगभग 24 हजार करोड़ रुपये जमा हैं।
जानकारी के अनुसार, करीब दो साल से ज्यादा समय तिहाड़ जेल में गुजारने के बाद सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को 6 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। सुब्रत राय की माताजी के देहांत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था।