प्रधानमंत्री (prime minister of India) की सुरक्षा (Security) की जिम्मेदारी संभालने वाले विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) की कमान फिलहाल अरुण कुमार सिन्हा (Arun Kumar Sinha) के हाथों में ही रहेगी।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) निदेशक अरुण कुमार सिन्हा को अनुबंध के आधार पर दोबारा नियुक्त किया है। वे 31 मई को रिटायर हो रहे थे। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी है।
अरुण सिन्हा के रिटायरमेंट से एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने उन्हें दोबारा जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है। विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के निदेशक अरुण सिन्हा को मंगलवार को केंद्र द्वारा एक कॉन्टैक्ट के आधार पर एक वर्ष के लिए फिर से नियुक्त किया गया है।
वह 31 मई रिटायर हो रहे हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा मंगलवार को जारी एक आदेश के अनुसार, अरुण कुमार सिन्हा (1987 बैच के आईपीएस अधिकारी) को एसपीजी के निदेशक के रूप में एक वर्ष के लिए फिर से नियुक्त किया गया है।
केंद्र सरकार मार्च ने साल 2016 में केरल कैडर के पुलिस अधिकारी सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा करने वाले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का प्रमुख नियुक्त किया था।
जारी अधिसूचना के आधार पर, अरुण कुमार सिन्हा की दोबारा नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अरुण कुमार सिन्हा को अनुबंध के आधार पर विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के निदेशक की रैंक पर नियुक्ति दी है। साथ ही उनका वेतन डीजी के आधार पर होगा।
इसमें कहा गया है कि उनका यह कार्यकाल उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख यानी 31.05.2023 से एक वर्ष तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, रहेगा। इस नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार के पुनर्नियुक्त अधिकारियों पर लागू सामान्य नियमों और शर्तों का उनको पालन करना होगा।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं SPG चीफ अरुण सिन्हा? रिटायरमेंट के एक दिन पहले फिर हुई ‘हायरिंग’ के पीछे और दोबारा PM की सुरक्षा की जिम्मेदारी देने का क्या मकसद है।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) की कमान अब भारतीय पुलिस सेवा के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अधिकारी के पास होगी, जबकि कनिष्ठ अधिकारियों को छह साल की प्रारंभिक अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया जाएगा।
केंद्र सरकार मार्च ने साल 2016 में केरल कैडर के पुलिस अधिकारी सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा करने वाले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का प्रमुख नियुक्त किया था।
वहीं, केंद्र सरकार ने अपने विभागों में निजी क्षेत्र के प्रतिभाशाली लोगों की भर्ती करने की महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाते हुए 17 वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करने का फैसला किया है।
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी, अरुण कुमार सिन्हा केरल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष सेवा और यातायात) रह चुके हैं। सीमा सुरक्षा बल में एक कार्यकाल के अलावा, सिन्हा ने अपना अधिकांश करियर राज्य में ही बिताया है और महिलाओं की सुरक्षा और अनिवासी भारतीय मामलों के प्रभारी रहे हैं।
अरुण सिन्हा देश भर के पुलिस बलों से चुने गए लगभग 3,000 क्रैक कमांडो की टीम का नेतृत्व करते हैं। यह मंजूरी ऐसे समय में दी गई है जब एक सप्ताह पहले ही एसपीजी के लिए सरकार ने नए नियम जारी किए थे।