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22 जून, 2024
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देश में जरूर यह ऐतिहासिक है…पुलिस पहलवानों को घसीटते अपने साथ ले गई…कहा-देश विरोधी हो…हाथापाई…तंबू भी उखाड़े

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दिल्ली में आज पहवानों के साथ जो हुआ वह ऐतिहासिक जरूर है। इतिहास में कभी ऐसा दिखा हो याद नहीं… भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

पीएम मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। वहीं, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन खत्म हो गया।

दरअसल, पहलवान पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर नए संसद भवन की तरफ मार्च करने की कोशिश कर रहे थे। जिस पर पुलिस ने उन्हें रॉयल प्लाजा गोल चक्कर से पहले ही हिरासत में ले लिया।

दिल्ली के जंतर-मंतर से नई संसद की ओर महापंचायत करने जा रहे पहलवानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस से संसद भवन जाने के लिए रोके जाने पर दोनों के बीच बहस हो गई थी। इसके बाद पुलिस पहलवानों को घसीटते हुए अपने साथ ले गई।

पहलवानों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण ​मार्च निकाल रहे थे। पहलवानों ने इसे अपना अधिकार बताया और दिल्ली पुलिस पर देश विरोधी कहने का भी आरोप लगाया।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों को रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया, क्योंकि वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

नए संसद भवन के पास पहलवानों की ओर से आहूत प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को नए संसद भवन के पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई है।

ये पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया।

जानकारी के अनुसार पहलवान साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया गया है। उनके साथ कई और पहलवान भी हैं। वहीं, हिरासत में लिए गए पहलवानों को अलग-अलग पुलिस स्टेशन में ले जाया गया है। उनके साथ काफी संख्या में समर्थक भी हिरासत में लिए गए हैं।

पुलिस ने पहलवान जिस जगह पर प्रदर्शन कर रहे थे, उस जगह को अब खाली करा रही है। जंतर मंतर से बड़े-बड़े कूलर, खाने-पीने के सामान, टेंट का सामान, गद्दे-फोल्डिंग, पलंग सभी को पुलिस की तरफ से हटाया गया है। पहलवानों के टेंट तंबू को पुलिस ने पूरी तरह से हटा दिया है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार को पहलवानों द्वारा जारी किये गए वीडियो के बाद से काफी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान अर्धसैनिक बलों के जवान महिला पुलिसकर्मी की जंतर-मंतर में तैनाती कर दी गई थी।

पहलवानों ने दिल्ली में बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में ‘महिला सम्मान महापंचायत’ का आह्वान किया था। अब पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद साथ ही पुलिस ने जंतर-मंतर से तंबू भी उखाड़ दिए।

वहीं दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों के समर्थन में रविवार को आयोजित होने वाली महिला सम्मान महापंचायत में शामिल होने के लिए दिल्ली यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत व उनके साथ आये समर्थक को बॉर्डर पर ही पुलिस ने रोक दिया।

इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है, गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर भारी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया है। नई संसद भवन के उद्घाटन पर उन्होंने कहा कि अगर भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करतीं तो अच्छा होता। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री से बड़ा होता है। राष्ट्रपति उद्घाटन करता तो पूरे देश का सम्मान होता।

किसान नेता राकेश टिकैत के दिल्ली जाने के आह्वान के बाद दिल्ली-यूपी-गाजीपुर बॉर्डर को सुबह ही पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया था। किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवानों को बॉर्डर पर तैनात किया गया था।

वहीं 11 बजते ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हुई। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर बैनर लगाकर साफ कर दिया है कि यहां धारा 144 लागू है और इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला पंचायत में शामिल होने से रोकने पर जेएनयू के छात्रों ने प्रदर्शन किया। वहीं पुलिस ने बढ़ती भीड़ को देखते हुए 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर अलग-अलग थानों में उन्हें भेजा।

शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था।

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले राकेश टिकैत ने भारी सुरक्षा वाले गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद कहा, अन्य सभी किसानों को पुलिस द्वारा रोक दिया गया है। अभी हम यहीं बैठेंगे और तय करेंगे कि आगे क्या करना है।

बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने वाले किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी बहस हुई।

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