कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आज दिल्ली में संसद के बजट सत्र के समापन पर संसद से विजय चौक तक तिरंगा मार्च (Tiranga March) निकाला। विरोध मार्च के दौरान, विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी समूह मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग उठाई और आरोप लगाया कि सरकार इस मामले पर बहस से बच रही है।
देशभर की विपक्षी पार्टियों इस दिल्ली में आयोजित तिरंगा मार्च में शामिल हुईं। संसद भवन से विजय चौक (Parliament House to Vijay Chowk) तक के लिए निकाले गए इस मार्च में कांग्रेस के साथ TMC, समाजवादी पार्टी, JDU, RJD और आम आदमी पार्टी समेत कई सांसदों ने कदम से कदम मिलाया।
संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन की कार्यवाही भी हंगामे के चलते नहीं हो पाई। इसके साथ ही राज्यसभा 2 बजे तक और लोकसभा अगले सत्र तक के लिए स्थगित हो गई है। संसद स्थगित होने के बाद कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों ने विजय चौक पर तिरंगा मार्च किया।
अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग को लेकर अड़ी कांग्रेस और 12 अन्य विपक्षी दलों ने विरोध जताने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की तरफ से रखी गई शाम की चाय की पार्टी का बहिष्कार कर दिया है।
अडानी मुद्दे को लेकर विपक्षी दल संसद के भीतर और संसद के बाहर, केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं। विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन से विजय चौक तक तिरंगा मार्च निकाला और अडानी मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग उठाई।
अडाणी-हिंडनबर्ग मामले और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने संसद भवन से विजय चौक तक तिरंगे झंडे के साथ मार्च निकाला। इस मार्च का नेतृत्व राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया। मार्च में अन्य सांसदों के साथ यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी हिस्सा लिया। पढ़िए पूरी खबर
Tiranga March से केंद्र की मोदी सरकार (Modi Goverment) के खिलाफ गुरूवार को देशभर की विपक्षी पार्टियों ने दिल्ली (Delhi) में तिरंगा मार्च निकालते हुए संसद भवन से विजय चौक (Parliament House to Vijay Chowk) तक मार्च किया। इस मार्च में कांग्रेस के साथ TMC, समाजवादी पार्टी, JDU, RJD और आम आदमी पार्टी समेत कई सांसदों ने कदम से कदम मिलाया। खास बात यह है कि विपक्ष के इस मार्च में सभी दल एक जुट नजर आए।
वहीं तिरंगा मार्च में शामिल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर आप लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहते हैं तो विपक्ष की भी बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ना हमारा काम है। सरकार अगर नहीं मानती है तो ये हठधर्मी है।
वहीं कांग्रेस सांसद और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार खुद संसद नहीं चलने दे रही है। वे अडानी घोटाले पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते? कांग्रेस सत्र शुरू होने के दिन से ही अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर है।
विपक्षी एकजुटता दर्शाने के लिए मोदी सरकार की नीतियों के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराने के लिए तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला। एक ओर तामाम विपक्ष दल एकजुट होकर मोदी सरकार से अडानी मामले पर जेपीसी के गठन की मांग कर रहा है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित कई अन्य दल राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के मामले पर भी सरकार पर हमलावर हैं।