सीबीआई और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका को वापस ले लिया है। इससे पहले कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
पिछले कई सालों से विपक्षी दल मोदी सरकार पर ईडी-सीबीआई जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा हैं। इसको लेकर विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसको खारिज कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों की ओर से दायर एक याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया, जिसमें विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के “मनमाने उपयोग” का आरोप लगाया गया था।
याचिका दायर करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल (यूनाइटेड), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल हैं।
इस दौरान विपक्ष की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में कहा कि हम गाइडलाइन चाहते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेता भी आम आदमी की तरह हैं। हम अलग से गाइडलाइन जारी नहीं कर सकते हैं। अगर किसी के साथ गलत हो रहा है तो कोर्ट जाएं। कोर्ट ने कहा कि आप चाहें तो याचिका वापस ले सकते हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने 24 मार्च को मामले की तत्काल सुनवाई के लिए याचिका का उल्लेख किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर मामलों की संख्या में वृद्धि का उल्लेख किया था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि विपक्षी दलों के नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाइयां की जाती हैं।