New Delhi | लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 288-232 वोटों से पारित, विपक्ष का विरोध | लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) बहुमत से पारित हो गया। इस विधेयक के समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। करीब 12 घंटे की तीखी बहस के बाद यह विधेयक पारित हुआ, जिसमें एनडीए सरकार का संख्याबल निर्णायक साबित हुआ।
सरकार और विपक्ष के तर्क
सरकार का पक्ष: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव कर इसे अन्य कानूनों से ऊपर कर दिया था, इसलिए संशोधन जरूरी था।
विपक्ष का विरोध: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ और संविधान विरोधी बताया।
विपक्ष के संशोधन खारिज
सदन में तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय, कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई सांसदों ने संशोधन प्रस्ताव दिए, लेकिन ध्वनिमत से सभी संशोधन खारिज कर दिए गए।
गृहमंत्री अमित शाह का बयान
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा:
वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और उचित प्रबंधन के लिए यह कानून जरूरी है।
अब किसी भी संपत्ति को सिर्फ घोषणा मात्र से वक्फ संपत्ति नहीं बनाया जा सकता।
पुरातत्व विभाग, आदिवासी समुदायों और आम नागरिकों की संपत्तियों को सुरक्षित किया जाएगा।
ओवैसी का तीखा विरोध
लोकसभा में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने वाला कानून बताया और इसे फाड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है।
एनडीए का संख्याबल साबित हुआ निर्णायक
लोकसभा में एनडीए के 293 सांसदों की संख्या ने विधेयक को आसानी से पारित कराने में मदद की, जबकि विपक्ष का प्रयास असफल रहा।
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