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2 नवम्बर, 2024
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आषाण गुप्त नवरात्रि 30 जून से, 58 वर्षों बाद बन रहा 6 महासंयोग, राशि अनुसार जानें पूजा के उपाय और कैसे खुलेगा उन्नत द्वार

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षाण गुप्त नवरात्रि 30 जून से है। 58 वर्षों बाद 6 महासंयोग बन रहा है। राशि अनुसार जानें पूजा के उपाय और कैसे खुलेगा उन्नत द्वार। शुभ मुहूर्त में कोई भी कार्य शुरू करने पर अवश्य सफलता मिलेगी। अपने राशि से करें शक्ति के नौ स्वरूपों की आराधना।

जानकारी के अनुसार, इस नौ दिन की अवधि में मां दुर्गा-काली की पूजा-आराधना के बीच जगदीश रथ यात्रा और विनायकी चतुर्थी पर्व भी मनाए जाएंगे। नवरात्र का समापन भड़ली नवमी पर होगा। यह दिन अबूझ मुहूर्त वाला है। इसके अलावा विशेष धार्मिक अनुष्ठान के लिए 30 जून, 3 और 6 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे। खरीदारी के लिए पहले ही दिन एक जुलाई को पुष्य नक्षत्र योग रहेगा।

इस बार गुप्त नवरात्र 10 दिन पहले शुरू हो रही है। पंडित डॉ.एसएन झा ने बताया कि 30 जून को शुभ, लाभ व अमृत के चौघड़िया में मंदिरों व घरों में घट स्थापना कर सकते हैं। हालांकि अभिजित मुहूर्त में घट स्थापना श्रेष्ठ मानते हैं। यह मुहूर्त पहले दिन सुबह 11:57 से दोपहर 12:53 तक रहेगा। साल में चार नवरात्र होती हैं। दो गुप्त और दो सामान्य।

गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ में होती है, जबकि सामान्य नवरात्र चैत्र और आश्विन में मनाई जाती हैं। गुप्त नवरात्र में साधक विभिन्न प्रकार की साधनाएं मंत्र, जाप व शप्तशती के पाठ के माध्यम से करते हैं। विशेष हवन और अन्य अनुष्ठान भी किए जाते हैं। गुप्त नवरात्र में नौ देवियों के अलावा दस महाविद्याओं की भी विशेष पूजा-आराधना की जाती है।

सनातन धर्म में चार नवरात्रि का उल्लेख है। बासंतिक चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र को लोग जानते है। लेकिन साल में दो गुप्त नवरात्रि भी होती है। माघ और आषाढ़ के महीने में गुप्त नवरात्रि पड़ती है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के उपासक गुप्त तरीके से शक्ति की आराधना करते हैं । इस बार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू हो रही है। इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 06 बजकर 43 मिनट तक है। नवरात्र का समापन 8 जुलाई को है।

गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त
गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून को हो रही है. इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर 06 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस बार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन यानी 30 जून को विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन एक साथ गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, अडाल योग और विडाल योग बन रहे हैं। साथ ही पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। एक साथ इतने शुभ मुहूर्त बनना बेहद शुभ होता है. इस शुभ मुहूर्त में यदि आप कोई भी कार्य शुरू करते हैं तो उसमें अवश्य सफलता मिलेगी।

गुप्त नवरात्रि में इस विधि से करें पूजा
आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में आपको प्रातः काल स्नान करने के बाद मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करते हुए मां दुर्गा के विशेष मंत्र- ‘विधेहि देवि कल्याणं विधेहि विपुलां श्रियम्. रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि’.. का जाप करना चाहिए।

जीवन में सुख, समृद्धि, धन, यश या किसी मनोकामना की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्रि के दौरान रोज सुबह स्नान के बाद मंत्र- ‘ते सम्मता जनपदेषु धनानि तेषां तेषां यशांसि न च सीदति धर्मवर्ग. धन्यास्त एव निभृतात्मजभृत्यदारा येषां सदाभ्युदयदा भवती प्रसन्ना’.. का जाप करें।

गुप्त नवरात्रि के दौरान धन-दौलत में वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी के प्रतिमा पर कमल का फूल अर्पित करें। साथ ही रोज पूजा के दौरान मां दुर्गा को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। ध्यान रहे नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा औ उपासना गुप्त रूप से ही करनी चाहिए।

ज्योतिषविद प्रियदत्त ठाकुर बताते हैं कि इस बार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन यानी 30 जून को विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन एक साथ गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, अडाल योग और विडाल योग बन रहे हैं। साथ ही पुष्य नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। एक साथ इतने शुभ मुहूर्त बनना बेहद शुभ होता है। इस शुभ मुहूर्त में यदि आप कोई भी कार्य शुरू करते हैं तो उसमें अवश्य सफलता मिलेगी।

ज्योतिष विद विनोद झा बताते हैं कि आषाढ़ माह में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में प्रातः काल स्नान करने के बाद मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करते हुए मां दुर्गा के विशेष मंत्र- ‘विधेहि देवि कल्याणं विधेहि विपुलां श्रियम्. रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि’.. का जाप करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोई भी सनातनी अपनी राशि के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मंत्रों का जाप करके सुख शांति एवं समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं ।

—मेष राशि
मेष राशि के व्यक्ति मां भगवती के स्वरूप स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उनको लाल फूल और दूध या दूध से बनी मिठाई अर्पित करें और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करना उत्तम रहेगा। ऐसा करने से मां की आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहेगा और सभी संकटों से मुक्ति भी मिलेगी।

—वृषभ राशि
वृषभ राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा करें और उनको सफेद चंदन, सफेद फूल और पंचमेवा अर्पित करें। मां को सफेद बर्फी और मिश्री का भोग लगाना चाहिए। साथ ही ललिता सहस्त्रनाम और सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी समस्याओं का अंत होगा।

—मिथुन राशि
मिथुन राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की फूल, केला, धूप, कपूर से पूजा करें। नवरात्र के दिनों में तारा कवच का हर रोज पाठ करें और ओम शिव शक्त्यै नम: मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी और घर में सुख-शांति का वास रहेगा।

—कर्क राशि
कर्क राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करें। साथ ही मां को बताशा, चावल और दही का अर्पण करें। नवरात्र में हर रोज लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करें। और दूध से बनी मिठाई को भोग लगाएं। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।

—सिंह राशि
सिंह राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के कूष्माण्डा देवी स्वरूप की पूजा व उपासना करें और उनको रोली, चंदन और केसर अर्पित करें व कपूर से आरती उतारें। साथ ही दुर्गा सप्तशति का पाठ हर रोज करें और मां के मंत्र की कम से कम सुबह-शाम 5 माला का जप अवश्य करें। ऐसा करने से आपको सभी क्षेत्रों में सफलतता मिलेगी।

—कन्या राशि
कन्या राशि के व्यक्ति मां भवानी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करें और मां को फल, पान पत्ता, गंगाजल अर्पित करें। दुर्गा चालिसा का पाठ करें और हर रोज एक माला लक्ष्मी मंत्रों का जप करें। साथ ही मां को खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से व्यापार व नौकरी की समस्या खत्म होगी और कोष में वृद्धि होगी।

—तुला राशि
तुला राशि के व्यक्ति मां भगवती के महागौरी स्वरूप की पूजा करें और उनको लाल चुनरी उठाएं और देसी घी से बनी मिठाई और मिश्री का भोग लगाएं। साथ ही कपूर व देसी घी से आरती उतारें। साथ ही नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करें। ऐसा करने से आपकी घर-परिवार में सुख-शांति का वास होगा।

—वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के व्यक्ति मां दुर्गा के मां कालरात्रि स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उनको गुड़हल के फूल, गुड़ और चंदन अर्पित करें। मां कालरात्रि की सुबह-शाम कपूर से आरती उतारें और हर रोज दुर्गा सप्तमी का पाठ करें। ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।

—धनु राशि
धनु राशि के व्यक्ति मां भवानी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। मां को नवरात्र में हर रोज पीले फूल, हल्दी, केसर और तिल का तेल अर्पित करें और श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही केला व पीली मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा करने से कारोबार की समस्या खत्म होगी और हर संकट से मुक्ति मिलेगी।

—मकर राशि
मकर राशि के जातकों को स्कंदमाता देवी का पूजन करना चाहिए एवं नीले पुष्प दुर्गा जी के 32 नामावली ओं का पाठ करना चाहिए।

—कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों को स्कंदमाता देवी का पूजन करना चाहिए एवं नीले पुष्प दुर्गा जी के 32 नामावली ओं का पाठ करना चाहिए ।

—मीन राशि
मीन राशि जातकों को सिद्धिदात्री मां का पूजन करना चाहिए एवं पीले पुष्प पीला फल पीला मिष्ठान इत्यादि से भोग लगा कर के सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

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