Budh Gochar: वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का गोचर ब्रह्मांड में निरंतर परिवर्तन लाता है, जिसका सीधा प्रभाव धरती पर और मानव जीवन पर पड़ता है। इन गोचरों में बुध ग्रह का राशि परिवर्तन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह बुद्धि, व्यापार और संचार का कारक ग्रह है। जब बुध धनु राशि में प्रवेश करता है, तो यह कई महत्वपूर्ण ज्योतिषीय योगों का निर्माण करता है, जो विभिन्न राशियों के लिए शुभ और अशुभ परिणाम लेकर आते हैं।
धनु राशि में बुध गोचर: शक्तिशाली चतुर्ग्रही योग और उसका राशियों पर प्रभाव
बुध गोचर: चतुर्ग्रही योग का ज्योतिषीय महत्व
बुध ग्रह, जिसे ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, व्यापार और तार्किक क्षमता का कारक माना जाता है, जब अग्नि तत्व की धनु राशि में गोचर करता है, तो यह कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों का सूचक होता है। इस गोचर काल में, यदि बुध के साथ सूर्य, शुक्र और अन्य कोई प्रमुख ग्रह (जैसे गुरु) धनु राशि में स्थित होते हैं, तो यह एक अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली चतुर्ग्रही योग का निर्माण करता है। यह विशिष्ट ग्रह स्थिति व्यापार, शिक्षा और करियर के क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाती है। विशेष रूप से दिमागी रूप से मेहनत वाले कामों और व्यापारिक गतिविधियों पर इसका सीधा असर देखा जाता है।
इस गोचर के दौरान, बुध और सूर्य के एक साथ आने से दशांक योग का निर्माण होता है, जो ज्ञान और प्रतिष्ठा में वृद्धि करता है। वहीं, बुध और शुक्र की युति लक्ष्मी नारायण राजयोग का सृजन करती है, जो धन-धान्य और भौतिक सुखों में वृद्धि का प्रतीक है। ये शुभ राजयोग जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
धनु राशि पर प्रभाव
यह गोचर धनु राशि के जातकों के प्रथम भाव में होता है, जिससे उनके व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और निर्णयों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। चतुर्ग्रही योग के कारण इन्हें आत्म-विश्वास में वृद्धि, नेतृत्व क्षमता में निखार और नई ऊर्जा का अनुभव हो सकता है। व्यापार और करियर में उन्नति के अवसर मिलेंगे, लेकिन क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा।
मिथुन राशि पर प्रभाव
मिथुन राशि के लिए बुध का यह गोचर सप्तम भाव में होगा, जो साझेदारी, विवाह और सार्वजनिक संबंधों का क्षेत्र है। व्यापार में नए अनुबंध हो सकते हैं और वैवाहिक जीवन में मधुरता आ सकती है। हालांकि, संवाद में स्पष्टता बनाए रखना महत्वपूर्ण है ताकि गलतफहमी से बचा जा सके।
कुंभ राशि पर प्रभाव
कुंभ राशि के दशम भाव में बुध गोचर और चतुर्ग्रही योग बनने से करियर और सामाजिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति या नए अवसर मिल सकते हैं। व्यावसायिक दृष्टि से भी यह समय अनुकूल रहेगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
यह गोचर सभी राशियों के जीवन में कुछ न कुछ परिवर्तन अवश्य लाता है। दैनिक राशिफल और ज्योतिषीय गणनाओं के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/astrology/।
उपाय और निष्कर्ष
यह बुध गोचर और धनु राशि में बनने वाला चतुर्ग्रही योग एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जो विभिन्न राशियों के लिए भिन्न-भिन्न परिणाम लेकर आता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ग्रहों की यह युति जहां कुछ जातकों के लिए अपार सफलता और समृद्धि के द्वार खोलती है, वहीं कुछ को धैर्य और विवेक से काम लेने की सलाह देती है।
इस गोचर काल में शुभ फल प्राप्त करने और नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करना, बुध मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का जाप करना और बुधवार के दिन हरी वस्तुओं का दान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। नियमित रूप से गाय को हरा चारा खिलाना भी शुभ फल देता है। स्मरण रहे कि आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



