प्रयागराज में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आज संगम में फिर से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर किसी में स्नान करने की होड़ मची हुई थी। क्योंकि यह माघ मेले का अंतिम स्नान है और आज के बाद से माघ मेले की समाप्ति हो जाएगी।
मंगलवार की सुबह से ही बने छह घाटों पर स्नान करने वालों भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। संगम तट पर स्नान करने के बाद शिव मंदिरों में भगवान शिव की आराधना करने के लिए भारी भीड़ रही। दर्शन कराने को मंदिरों में लम्बी लाइनें लगी रही। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
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शिवालयों में दर्शन, पूजन व अभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा है। ‘हर-हर महादेव, भोले बाबा की जय’ का गगनचुंबी उद्घोष करते हुए नर, नारी व बच्चे शिवलिंग पर जलाभिषेक, महाभिषेक व रुद्राभिषेक करने में लीन हैं। प्रयागराज संगम तट पर जप, तप, त्याग व तपस्या का प्रतीक माघ मेला मकर संक्रांति से चल रहा है। महाशिवरात्रि माघ मेला का अंतिम स्नान पर्व है। इसके साथ मेला पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। मेला क्षेत्र में प्रवास कर रहे संत व श्रद्धालु मंगलवार की भोर में स्नान करके मेला क्षेत्र से लौटने लगे हैं।
सभी शिव मंदिर ओम नमः शिवाय के जाप से गुंजायमान हो उठे। शिवालयों में भगवान शंकर का अभिषेक, पूजन चल रहा है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर सच्चे हृदय से व्रत रखकर संगम में डुबकी लगाकर शिव स्तुति करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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शिव मंदिरों में भक्तों ने शिव की आराधना करने के दौरान ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप किया और शिव को खुश करने के लिए दूध, बेल पत्ती, मदार, धतूरा, भांग, भस्म, कनेर का पुष्प आदि चढ़ाया। इसके साथ ही शिव भक्तों ने शिव चालीसा, शिव तांडव, शिव पुराण आदि का पाठ भी किया। इस दौरान भारी संख्या में उपस्थित शिवभक्तों ने मंदिर में भजन कीर्तन शुरू किया। शहर के तमाम शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का आवागमन जारी है।
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महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर संगम व गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए देशभर से श्रद्धालु आए हैं। यम-नियम से स्नान व दान करके लोग दैहिक, दैविक व भौतिक कष्टों से मुक्ति पाने की कामना कर रहे हैं। स्नान के बाद शिवालयों में दर्शन-पूजन करते हैं। इससे मनकामेश्वर, दशाश्वेमध महादेव, नागवासुकी, हाटकेश्वर महादेव आदि शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ है।
पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था भी चाक-चौबंद है घाटों और मंदिरों पर पुलिस के जवान तैनात हैं। भीड़ के मद्देनजर रूट डायवर्जन कर दिया गया है। वाहनों के लिए स्टैण्ड बनाये गये हैं। प्रयागराज का सिद्ध पीठ मनकामेश्वर मंदिर पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है और लोग संगम स्नान बाद भगवान शिव की पूजा अर्चना करने मंदिर पहुंच रहे हैं।
महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि वाले दिन यानि पहली मार्च की सुबह 03:16 से शुरू हो रही है, जो देर रात एक बजे तक है। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। एक महाशिवरात्रि को परिघ योग है जो 11 बजकर 18 मिनट तक रहने वाला है।
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सनातन धर्म के पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को धूमधाम के साथ महाशिवरात्रि मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन पंचग्रही योग भी बन रहा है। ऐसे में इस खास दिन मकर राशि में मंगल, शनि, चंद्रमा, शुक्र और बुध ग्रह एक साथ उपस्थित होकर पंचग्रही योग का निर्माण करने वाले हैं।
इन 6 घाटों पर होंगे स्नान
माघ मेले में कल्पवास की समाप्ति के उपरांत मेला क्षेत्र में बसावट खत्म हो गई है। ऐसे में, महाशिवरात्रि के स्नान पर्व हेतु प्रशासन द्वारा 6 घाटों पर स्नान की व्यवस्था की है। इसके अतिरिक्त मेला क्षेत्र में लगभग 650 शौचालयों की भी व्यवस्था की गई है।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने निर्देशित किया कि मेला क्षेत्र के जिन स्थानों पर शौचालयों की उपलब्धता नहीं है वहां पर इस स्नान पर्व के दृष्टिगत नगर निगम के मोबाइल टॉयलेट्स आवश्यकता अनुसार लगाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कोविड हेल्प डेस्क एवं एंबुलेंस की भी व्यवस्था मेला क्षेत्र के सभी अपेक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए। मेला क्षेत्र में अभी भी 3 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं एक अस्पताल कार्यरत हैं।
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