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21 नवम्बर, 2024
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Ashadha Gupt Navratri 2024| नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:| शनिवार से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि@16 को विजयादशमी

नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना:।। अर्थात, पहली शैलपुत्री। दूसरी ब्रह्मचारिणी। तीसरी चंद्रघंटा। चौथी कूष्मांडा। पांचवी स्कंध माता। छठी कात्यायिनी। सातवीं कालरात्रि। आठवीं महागौरी। और, नौवीं सिद्धिदात्री। यह मां दुर्गा के नौ रुप हैं। इन्हीं का समावेश है वह कलश। इस, आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि की कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, 6 जुलाई सुबह 5 बजकर 11 मिनट से सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर है। आइए, आदिशक्ति जगत जननी जगदंबा की शरण में...वंदे वाञ्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥

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Ashadha Gupt Navratri 2024| नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:| शनिवार से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि@16 को विजयादशमी। हिंदू धर्म। नवरात्रि का खास महत्व। माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा। साल में चार बार नवरात्रि (Navratri) का विशिष्ट अनुष्ठान। हर साल। इसमें चैत्र नवरात्रि। शारदीय नवरात्रि। साथ में, दो गुप्त नवरात्रि।

Ashadha Gupt Navratri 2024|आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 से

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शनिवार 6 जुलाई को होगी।सोमवार 15 जुलाई तक चलेंगी। इस बार यह नवरात्रि दस दिनों तक रहेगी। भक्त गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं। गुप्त नवरात्रि के प्रतिपदा तिथि में घर और मंदिर में कलश स्थापना होगी। इस साल आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि में घोड़ा माता रानी की सवारी है।

Ashadha Gupt Navratri 2024| मान्यता है, जब मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो

मान्यता है, जब मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बनती हैं। इस व्रत को करने से माता दुर्गा की विशेष कृपा बरसती है। इस बार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन अमृत सिद्धि योग बन रहा है, जो बेहद शुभ माना जा रहा है। शनिवार से मनाई जाएगी आषाढ मास की गुप्त नवरात्रि जो 16 को विजयादशमी के साथ हर्ष व उल्लास से खत्म होंगी।

Ashadha Gupt Navratri 2024| धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का

जानकारी के अनुसार, इस मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का आरंभ होता है। इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 06 जुलाई यानि शनिवार से शुरु हो रही है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का बड़ा ही महत्व है। वर्ष में आदि शक्ति मां भगवती की उपासना के लिए चार नवरात्रि आती है। इसमें दो गुप्त एवं दो उदय नवरात्रि होती है। चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि उदय नवरात्रि के नाम से जानी जाती है।

Ashadha Gupt Navratri 2024| दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा चालीसा, दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ काफी लाभदाय

गुप्त नवरात्रि किसी खास मनोकामना की पूजा के लिए तंत्र साधना का मार्ग लेने का पर्व है। किंतु अन्य नवरात्रि की तरह ही इसमें भी व्रत-पूजा, पाठ, उपवास किया जाता है। इस दौरान साधक देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के अनेक उपाय करते हैं। इसमें दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा चालीसा, दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ काफी लाभदाय माना गया है। यह नवरात्रि धन, संतान सुख के साथ-साथ शत्रु से मुक्ति दिलाने में भी कारगर है।

Ashadha Gupt Navratri 2024| नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन होता है

आषाढ़ और माघ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान अन्य नवरात्रि की तरह ही पूजन करने का विधान है। इन दिनों भी 9 दिन के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा से नवमी तक प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। इन नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन होता है। ये नवरात्रि तंत्र साधना के लिए बहुत अधिक महत्व रखती है।

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