आज एक ऐसा विशेष दिन है जब भगवान शिव के रौद्र रूप की आराधना से जीवन के हर संकट का समाधान संभव है। क्या आप जानते हैं कि भय, बाधाएं और जीवन के हर चुनौती से मुक्ति का मार्ग कैसे खुल सकता है? आज पौष मास की मासिक कालाष्टमी है, और इस दिन काल भैरव बाबा की विशेष कृपा बरसती है।
वर्ष 2025 की पौष मासिक कालाष्टमी आज 11 दिसंबर को श्रद्धा और नियमों के साथ मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान काल भैरव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरी निष्ठा से उनकी पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं।
काल भैरव की उपासना का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, भगवान काल भैरव को भगवान शिव का उग्र स्वरूप माना जाता है। उनकी आराधना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और भक्तों को एक अभय कवच प्राप्त होता है। यह दिन उन सभी लोगों के लिए खास है जो अपने जीवन में भय, संकटों और अनपेक्षित बाधाओं से जूझ रहे हैं।
जो साधक इस दिन विधि-विधान से व्रत रखते हैं और काल भैरव की स्तुति करते हैं, उन्हें असीम साहस, सुरक्षा और जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति भी देता है।
भय और संकटों से मुक्ति का मार्ग
माना जाता है कि काल भैरव की कृपा से जीवन में आने वाली हर छोटी-बड़ी अड़चन दूर हो जाती है। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और वह एक सुरक्षित तथा समृद्ध जीवन की ओर अग्रसर होता है। इसलिए, आज के दिन उनकी आराधना करना अत्यंत फलदायी माना गया है।


