back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 12, 2025

खरमास 2025: जब शुभ कार्य हों वर्जित, तब भी खुल सकते हैं भाग्य के द्वार! जानिए किस देवता की पूजा लाएगी जीवन में सुख-समृद्धि

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

दिसंबर का महीना हो या फिर मार्च का मध्य, साल में दो बार आता है वो समय जब शुभ और मांगलिक कार्यों पर एक तरह से ‘ब्रेक’ लग जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही वो दौर भी है जब आपकी भक्ति और आस्था आपको परम सुख और समृद्धि दिला सकती है? हम बात कर रहे हैं खरमास 2025 की, जब ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोजन आपको आध्यात्मिकता की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है! तो आइए जानते हैं कि 2025 के खरमास में कैसे आप अपने जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान पा सकते हैं।

- Advertisement - Advertisement

खरमास क्या है और इसका महत्व क्या है?

ज्योतिष शास्त्र में खरमास का विशेष महत्व है। इसे ‘मलमास’ या ‘शून्य मास’ के नाम से भी जाना जाता है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे ‘धनु संक्रांति’ कहा जाता है और इसी के साथ खरमास की शुरुआत होती है। इसी तरह जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो भी खरमास लगता है। इस अवधि में सूर्य की गति धीमी मानी जाती है और उनका प्रभाव कम हो जाता है, जिससे शुभ कार्यों के लिए यह समय अनुकूल नहीं माना जाता। हालांकि, यह काल आत्मचिंतन, साधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ फलदायी होता है। यह एक ऐसा समय है जब आप स्वयं को बाहरी दुनिया से हटाकर आंतरिक शुद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा पर केंद्रित कर सकते हैं।

- Advertisement - Advertisement

खरमास में इन कार्यों से बचना चाहिए

शास्त्रों के अनुसार, खरमास के दौरान कुछ विशेष कार्यों को वर्जित माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में किए गए शुभ कार्य पूर्ण फल नहीं देते या उनमें बाधाएं आती हैं। इसलिए इन गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी जाती है:

- Advertisement -
  • विवाह: खरमास में विवाह करना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे दांपत्य जीवन में सुख और स्थिरता की कमी हो सकती है।
  • गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश या नींव रखने जैसे कार्य इस दौरान टालने चाहिए, ताकि घर में शांति और समृद्धि बनी रहे।
  • नया व्यवसाय या महत्वपूर्ण शुरुआत: किसी भी नए व्यापार या बड़े निवेश की शुरुआत खरमास में करने से बचने की सलाह दी जाती है।
  • मुंडन या यज्ञोपवीत संस्कार: बच्चों के मुंडन संस्कार या जनेऊ धारण जैसे महत्वपूर्ण संस्कार भी इस अवधि में नहीं किए जाते।
  • नए वाहन या संपत्ति की खरीद: कई लोग इस दौरान नई संपत्ति या बड़े वाहन खरीदने से भी परहेज करते हैं।
यह भी पढ़ें:  प्रेमानंद जी महाराज: तलाक पर क्या कहते हैं संत, जानें कब लेना चाहिए यह बड़ा फैसला

खरमास में क्या करें? पूजा और दान का विशेष महत्व

मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध का मतलब यह नहीं कि खरमास का महीना व्यर्थ जाता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का स्वर्णिम अवसर है। इस दौरान किए गए पूजा-पाठ, दान और तपस्या का फल कई गुना अधिक मिलता है।

  • पूजा-पाठ और मंत्र जाप: नियमित रूप से अपने इष्टदेव की पूजा करें। सूर्य देव को अर्घ्य दें। गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र या अपने पसंद के किसी भी मंत्र का जाप करें।
  • दान-पुण्य: खरमास में दान का विशेष महत्व है। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन या अपनी सामर्थ्य अनुसार किसी भी वस्तु का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • पवित्र स्नान: इस दौरान गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • धार्मिक ग्रंथों का पाठ: भगवद गीता, रामायण, सुंदरकांड या अन्य धार्मिक ग्रंथों का नियमित पाठ करें।
  • सेवा कार्य: समाज सेवा और जीव सेवा के कार्य भी इस अवधि में करने से विशेष फल मिलता है।
यह भी पढ़ें:  Aaj Ka Panchang: 12 दिसंबर 2025 का शुभ-अशुभ मुहूर्त और दिशा शूल

किस देवता की आराधना है सबसे फलदायी?

खरमास में वैसे तो सभी देवी-देवताओं की पूजा फलदायी होती है, लेकिन कुछ विशेष देवताओं की आराधना से शीघ्र लाभ और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है:

  • भगवान सूर्य: चूंकि खरमास सूर्य के राशि परिवर्तन से संबंधित है, इसलिए इस अवधि में भगवान सूर्य की पूजा विशेष रूप से प्रभावी होती है। उन्हें जल अर्पित करने और ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करने से आरोग्य, तेज और यश की प्राप्ति होती है।
  • भगवान विष्णु: खरमास को भगवान विष्णु का मास भी माना जाता है। इस दौरान उनकी पूजा करने से मोक्ष, सुख-शांति और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। सत्यनारायण कथा का पाठ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी है।
  • भगवान शिव: मानसिक शांति, भय से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की आराधना उत्तम है। महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  • देवी लक्ष्मी: आर्थिक समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए खरमास में देवी लक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए। श्री सूक्त का पाठ या लक्ष्मी मंत्रों का जाप लाभदायक होता है।
यह भी पढ़ें:  Aaj Ka Rashifal: 12 दिसंबर 2025 का आपका दैनिक राशिफल

जीवन में सुख-समृद्धि के लिए ये उपाय करें

खरमास की अवधि को अपनी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनाएं। इन सरल उपायों को अपनाकर आप न केवल पुण्य अर्जित कर सकते हैं, बल्कि जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त कर सकते हैं:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • नियमित रूप से तुलसी की पूजा करें और दीपक जलाएं।
  • ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
  • संभव हो तो गौ सेवा करें।
  • अपने मन को शांत रखने के लिए ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें।

निष्कर्षतः, खरमास केवल वर्जित कार्यों का समय नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शुद्धि और परमात्मा से जुड़ने का एक अनुपम अवसर है। इस दौरान संयम और श्रद्धा से की गई भक्ति आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और खुशियां प्रदान कर सकती है।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा: छात्रों के लिए अहम CBSE 10th Board Exam News और उत्तर लेखन के नए नियम

CBSE 10th Board Exam News: बोर्ड परीक्षा का मैदान सज चुका है, और हर...

ऋचा चड्ढा ने खोली इंडस्ट्री की पोल, कहा- ‘मैं बिकाऊ नहीं हूं’!

Richa Chadha News: मां बनने के बाद जब ऋचा चड्ढा करीब दो साल बाद...

चीन में नौकरी: क्या भारतीय युवाओं के लिए ‘China Jobs’ हैं फायदे का सौदा?

China Jobs: विदेश में बेहतर करियर और शानदार वेतन की तलाश कर रहे भारतीय...

Arrah Murder: भोजपुर में सनसनीखेज काशी पासवान हत्याकांड का मुख्य आरोपित गिरफ्तार, पुलिस ने कसा शिकंजा

Arrah Murder: मलौर गांव पर मौत का साया अभी भी मंडरा रहा है, जहाँ...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें