Makar Sankranti: सनातन धर्म में पर्वों और त्योहारों का अपना विशेष महत्व है। प्रत्येक पर्व जहां हमें प्रकृति के निकट ले जाता है, वहीं आध्यात्मिक चेतना को भी जागृत करता है। ऐसा ही एक महापर्व है मकर संक्रांति, जो सूर्य देव को समर्पित है और नववर्ष के आगमन के साथ ही शुभता का संदेश लेकर आता है।
मकर संक्रांति 2026: पुण्यकाल में करें स्नान दान, पाएं अक्षय पुण्य
मकर संक्रांति का पावन पर्व हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। वर्ष 2026 में, 14 जनवरी का दिन बेहद दुर्लभ और विशेष संयोग लेकर आ रहा है। इस दिन मकर संक्रांति के साथ-साथ सात अन्य बड़े व्रत-त्योहारों का भी अद्भुत संगम होगा, जो इस दिवस के महत्व को कई गुना बढ़ा देगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह वह दिन है जब सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसी के साथ सूर्य का उत्तरायण काल प्रारंभ हो जाता है। उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है और इस दौरान किए गए सभी शुभ कार्य अत्यंत फलदायी होते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान का विशेष विधान है। मान्यता है कि इस पुण्यकाल में स्नान करने से न केवल पूर्व में किए गए पापों का शमन होता है, बल्कि अक्षय पुण्य की प्राप्ति भी होती है।
मकर संक्रांति का महत्व: जब सूर्य उत्तरायण होकर देते हैं विशेष फल
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव की उपासना के लिए सर्वोपरि माना जाता है। इस दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाता है और विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य पुनः प्रारंभ हो जाते हैं। यह पर्व प्रकृति के चक्र और नवजीवन के आरंभ का प्रतीक है। देश के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है, जैसे पोंगल, लोहड़ी, खिचड़ी पर्व आदि। इस दिन तिल, गुड़, चावल और दाल का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इन सामग्रियों से बनी खिचड़ी खाने और दान करने का भी विशेष महत्व है।
मकर संक्रांति की पुण्य स्नान विधि
- मकर संक्रांति के दिन प्रातःकाल उठकर पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान करने से पूर्व मन में सूर्य देव का ध्यान करें।
- स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और तिल डालकर सूर्य को 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र के साथ अर्पित करें।
- तिल, गुड़ और खिचड़ी का दान करें।
- ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
मकर संक्रांति पर क्या करें दान?
मकर संक्रांति का पर्व स्नान दान का विशेष महत्व रखता है। इस दिन निम्नलिखित वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है:
- तिल: तिल का दान करने से शनि दोष दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- गुड़: गुड़ का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में मधुरता आती है।
- खिचड़ी (चावल और उड़द की दाल): खिचड़ी का दान करने से ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
- कंबल और गर्म वस्त्र: ठंड के मौसम में इन वस्तुओं का दान करने से पुण्य लाभ मिलता है।
- घी: घी का दान करने से आरोग्य और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
- नवीन अन्न: इस दिन नई फसल का दान करना भी शुभ माना जाता है।
सूर्यदेव का मंत्र
ॐ घृणि सूर्याय नमः।
ॐ आदित्याय विद्महे मार्तंडाय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्।।
उपाय और महत्व
मकर संक्रांति के दिन कुछ विशेष उपायों को करके आप सूर्य देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दें।
- सूर्य चालीसा या आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- गाय को हरा चारा खिलाएं।
- पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं।
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तिल और उड़द दाल का दान करें।
मकर संक्रांति का पर्व हमें प्रकृति के साथ जुड़ने और दान-पुण्य के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस पावन दिवस पर किए गए सत्कर्मों का फल अक्षय होता है, जो जन्म-जन्मांतर तक व्यक्ति के साथ रहता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसलिए इस दिन को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए।
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