Marriage Prediction 2026: ज्योतिषीय गणनाओं और ग्रहों की चाल के अनुसार, वर्ष 2026 उन सभी जातकों के लिए अत्यंत शुभ फलदायी सिद्ध होने वाला है जो अपने विवाह की प्रतीक्षा में हैं। इस विशेष वर्ष में, ग्रहों के कुछ ऐसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जिनसे दो राशियों के लिए विवाह के प्रबल योग निर्मित हो रहे हैं। विशेषकर देवगुरु बृहस्पति और प्रेम के कारक ग्रह शुक्र की अनुकूल स्थिति प्रेम संबंधों को स्थिरता और वैवाहिक जीवन को नई दिशा प्रदान करेगी। लंबे समय से जिनके विवाह में बाधाएँ आ रही थीं, उनके लिए यह वर्ष खुशखबरी लेकर आने वाला है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
साल 2026 में, महत्वपूर्ण ग्रह गोचर के कारण, कुछ विशेष राशियों के जीवन में वैवाहिक सुख का आगमन होने वाला है। गुरु और शुक्र का यह अद्भुत तालमेल न केवल प्रेम विवाह के इच्छुक जातकों को सफलता दिलाएगा, बल्कि पारिवारिक सहमति से होने वाले विवाहों के लिए भी उत्तम मुहूर्त प्रदान करेगा।
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Marriage Prediction 2026: गुरु और शुक्र का शुभ संयोग
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, विवाह के लिए गुरु (बृहस्पति) और शुक्र (शुक्र ग्रह) का गोचर अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। वर्ष 2026 में इन दोनों ग्रहों की स्थिति कुछ विशेष राशियों के लिए अत्यंत अनुकूल बन रही है। यह स्थिति उन जातकों के लिए वरदान साबित होगी जो लंबे समय से अपने जीवनसाथी की तलाश में थे या जिनके विवाह में लगातार बाधाएं आ रही थीं। गुरु ग्रह जहाँ विवाह का कारक है, वहीं शुक्र प्रेम, सौंदर्य और दांपत्य सुख का प्रतीक है। जब ये दोनों ग्रह अनुकूल स्थिति में आते हैं, तो विवाह के योग स्वतः ही प्रबल हो जाते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
वर्ष 2026 में, ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर, जिन दो राशियों के लिए विवाह के प्रबल योग बन रहे हैं, वे राशि चक्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखती हैं। इन राशियों के जातकों को इस अवधि में कई विवाह प्रस्ताव प्राप्त हो सकते हैं और उनमें से किसी एक उत्तम प्रस्ताव पर मुहर लगने की पूरी संभावना है। यह अवधि प्रेम संबंधों को विवाह में बदलने के लिए भी अनुकूल है।
गुरु और शुक्र के इस शुभ संयोग के साथ ही अन्य ग्रहों का सहयोग भी इन राशियों के जातकों को वैवाहिक सुख प्रदान करेगा। पारिवारिक सहमति प्राप्त करने में भी आसानी होगी, और विवाह संबंधी निर्णय लेने में कोई बड़ी अड़चन नहीं आएगी। यह समय उन लोगों के लिए भी शुभ है जो अतीत में विवाह को लेकर किसी भी प्रकार की निराशा का सामना कर चुके हैं।
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ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुंडली में सप्तम भाव और उसके स्वामी के साथ-साथ गुरु और शुक्र की स्थिति का गहन अध्ययन किया जाता है। साल 2026 का ग्रह गोचर इन सभी कारकों को एक साथ लाकर विवाह के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है। यह वर्ष इन दो भाग्यशाली राशियों के लिए जीवन का एक नया और सुखद अध्याय शुरू करेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
विवाह के लिए ज्योतिषीय उपाय
जिन जातकों के विवाह में अभी भी कुछ अड़चनें महसूस हों, उन्हें गुरु और शुक्र के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
इन मंत्रों का नियमित जाप करने से ग्रहों की अनुकूलता बढ़ती है। साथ ही, गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना और शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना भी अत्यंत शुभ फलदायी होता है। भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करने से भी विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।





