Numerology: भारतीय ज्योतिष में अंकों का विशेष महत्व है, क्योंकि हर मूलांक किसी न किसी ग्रह से संबंधित होकर व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और भविष्य पर गहरा प्रभाव डालता है। यह विद्या केवल भविष्यवाणियाँ ही नहीं करती, बल्कि व्यक्ति के व्यक्तित्व और जीवनशैली से जुड़े गहन रहस्यों को भी उजागर करती है। इसी कड़ी में, अंकशास्त्र एक ऐसे विशेष मूलांक की पहचान करता है, जिसके जातक जीवन में अपार धन अर्जित करते हैं, परंतु उसे बचा पाने में अक्सर असमर्थ रहते हैं। साथ ही, इन लोगों में क्रोध और चिड़चिड़ापन भी अधिक देखने को मिलता है। आइए, इस रहस्यमयी मूलांक और उससे जुड़े पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
\n\n
Numerology: क्यों कुछ मूलांक वाले कमाते हैं धन, पर नहीं बचा पाते?
\n\n
भारतीय अंकशास्त्र के अनुसार, जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को होता है, उनका मूलांक 8 होता है। इस मूलांक के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं। शनिदेव के प्रभाव के कारण मूलांक 8 के जातक अत्यंत परिश्रमी, कर्मठ और दृढ़ निश्चयी होते हैं। ये अपने जीवन में कठिन परिश्रम से अपार धन-संपत्ति अर्जित करने में सफल होते हैं। इनकी आय का स्रोत भी अक्सर बड़ा होता है, लेकिन विडंबना यह है कि ये लोग धन संचय में प्रायः विफल रहते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
\n\n
Numerology के अनुसार धन संचय में बाधाएँ
\n\n
मूलांक 8 के जातकों के साथ अक्सर देखा जाता है कि वे लाखों-करोड़ों कमाने के बाद भी अपनी बचत को बढ़ा नहीं पाते। इसका एक प्रमुख कारण इनकी दान-पुण्य और परोपकार की भावना भी होती है। ये लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नहीं हटते, जिससे इनके धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। इसके अतिरिक्त, इन्हें अप्रत्याशित खर्चों का सामना भी अधिक करना पड़ता है। अंक ज्योतिष यह दर्शाता है कि शनि का प्रभाव कभी-कभी अनावश्यक व्यय को भी प्रेरित करता है, जिससे बचत करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
\n\n
मूलांक 8 के व्यक्तियों की एक और पहचान उनका शीघ्र क्रोधित होना है। ये छोटी-छोटी बातों पर जल्दी नाराज हो जाते हैं और कभी-कभी इनका गुस्सा अनियंत्रित भी हो जाता है। धैर्य की कमी और भावनाओं पर नियंत्रण न रख पाना इनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों को प्रभावित कर सकता है। इनकी यह प्रवृत्ति इनके आसपास के लोगों के साथ संबंधों में भी खटास ला सकती है।
\n\n
धन संचय और क्रोध नियंत्रण के उपाय
\n\n
यदि आप मूलांक 8 के जातक हैं और धन संचय तथा क्रोध नियंत्रण से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो कुछ ज्योतिषीय उपाय और जीवनशैली में बदलाव आपके लिए सहायक हो सकते हैं:
\n\n
- \n
- धन संचय के लिए:\n
- \n
- शनिवार को शनिदेव की पूजा करें और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
- किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को उड़द दाल या सरसों के तेल का दान करें।
- अपनी आय का एक निश्चित प्रतिशत नियमित रूप से बचाने का प्रयास करें।
- फिजूलखर्ची से बचें और सोच-समझकर निवेश करें।
- प्रत्येक शनिवार को ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
\n
\n
\n
\n
\n
\n
- क्रोध नियंत्रण के लिए:\n
- \n
- नियमित रूप से ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें।
- शांत और शीतल स्वभाव रखने का प्रयास करें।
- क्रोध आने पर गहरी सांस लें और कुछ देर के लिए शांत स्थान पर बैठें।
- शनिवार को व्रत रखना और शनिदेव की उपासना करना भी क्रोध को शांत करने में सहायक हो सकता है।
- नीले या काले रंग के वस्त्रों का उपयोग कम करें।
\n
\n
\n
\n
\n
\n
\n
\n
\n\n
यह सत्य है कि मूलांक व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है, लेकिन सही दिशा में प्रयास और उचित उपायों से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए इन उपायों को अपनाएं और सकारात्मक बदलाव महसूस करें। दैनिक राशिफल और ज्योतिषीय गणनाओं के लिए यहां क्लिक करें
\n
यह जानकारी सामान्य ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है और व्यक्तिगत परिणामों में भिन्नता हो सकती है। अपने जीवन से जुड़े किसी भी बड़े निर्णय से पहले विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।



