back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 24, 2025

Panchak 2025: दिसंबर में कब है साल का आखिरी पंचक और क्या हैं इसके नियम?

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

Panchak 2025: ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, पंचक काल को कुछ विशेष कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। वर्ष 2025 का अंतिम पंचक दिसंबर माह में पड़ेगा, जो कि पाँच दिनों की अवधि का होता है। इस दौरान कुछ कार्यों को करना शुभ माना जाता है, जबकि कुछ कार्यों से बचना अत्यंत आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार के अनिष्ट से बचा जा सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आइए जानते हैं पंचक के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और क्या हैं इसके महत्वपूर्ण नियम।

- Advertisement - Advertisement

Panchak 2025: दिसंबर में कब है साल का आखिरी पंचक और क्या हैं इसके नियम?

ज्योतिष शास्त्र में ‘पंचक’ उस पाँच दिवसीय अवधि को कहते हैं, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण से लेकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक गोचर करता है। यह अवधि अपने विशेष प्रभावों के कारण जानी जाती है, जिसमें कुछ शुभ कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है। Panchak 2025 एक ऐसा ही समय है जब ग्रहों और नक्षत्रों की चाल के कारण उत्पन्न होने वाली ऊर्जाएं पृथ्वी पर विशेष प्रभाव डालती हैं। वर्ष का अंतिम पंचक दिसंबर माह में आने वाला है, जिसकी सटीक तिथियों के लिए किसी विश्वसनीय पंचांग का अवलोकन करना उचित होगा। इस दौरान हमें कौन से कार्य करने चाहिए और किनसे बचना चाहिए, यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

- Advertisement - Advertisement

Panchak 2025: पंचक काल में किन कार्यों से बचना चाहिए?

पंचक काल में इन पाँच कार्यों को विशेष रूप से वर्जित माना गया है, जिनके पालन से जीवन में आने वाली अनेक बाधाओं से बचा जा सकता है:

- Advertisement -
  • लकड़ी खरीदना या ईंधन का संग्रह: पंचक के दौरान लकड़ी, घास, कोयला या किसी भी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ का संग्रह करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से अग्नि संबंधित दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
  • घर की छत डलवाना या गृह निर्माण: इस अवधि में नए घर की छत डलवाना या किसी भी बड़े निर्माण कार्य का शुभारंभ करना परिवार के सदस्यों के लिए कष्टकारी हो सकता है।
  • दक्षिण दिशा की यात्रा: पंचक के पाँच दिनों में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से बचना चाहिए। यह दिशा यम की मानी जाती है, और इस ओर यात्रा करने से अनिष्ट की आशंका रहती है। यदि यात्रा अपरिहार्य हो तो हनुमान जी का ध्यान कर यात्रा करनी चाहिए।
  • नया पलंग या चारपाई खरीदना/बनाना: पंचक काल में नया पलंग खरीदना या बनवाना रोग और कष्टों को आमंत्रण दे सकता है।
  • शव का दाह संस्कार: यदि पंचक के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके अंतिम संस्कार में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार, मृतक के साथ आटे के पाँच पुतले बनाकर दाह संस्कार किया जाता है, ताकि पंचक दोष का निवारण हो सके और परिवार के अन्य सदस्यों को किसी भी प्रकार के संकट से बचाया जा सके।
यह भी पढ़ें:  कार्यस्थल पर सफलता के लिए वास्तु टिप्स: पाएं समृद्धि और सकारात्मकता

आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन नियमों का पालन कर आप पंचक के अशुभ प्रभावों से स्वयं और अपने परिवार की रक्षा कर सकते हैं।

पंचक काल में क्या करना चाहिए?

पंचक की अवधि में जहाँ कुछ कार्यों से बचना चाहिए, वहीं कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें इस दौरान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं:

  • धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ: पंचक काल में ईश्वर की आराधना, मंत्र जप, ध्यान और धार्मिक अनुष्ठान करना अत्यंत फलदायी होता है। यह अवधि आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम मानी जाती है।
  • सरकारी और कानूनी कार्य: सरकारी कामकाज निपटाने या कानूनी मामलों से संबंधित कार्य इस दौरान किए जा सकते हैं।
  • व्यापारिक सौदे: सामान्य व्यापारिक लेन-देन और व्यवसाय से संबंधित कार्य बिना किसी बाधा के किए जा सकते हैं।
  • भूमि पूजन (बड़े निर्माण के अतिरिक्त): छोटे-मोटे भूमि पूजन या बागवानी से संबंधित कार्य किए जा सकते हैं, बशर्ते वे बड़े निर्माण से संबंधित न हों।
यह भी पढ़ें:  न्यूमेरोलॉजी: वह मूलांक जो पढ़ाई में तेज, करियर में सफल, पर प्यार में बार-बार असफल!

पंचक का महत्व और उपाय

पंचक का मुख्य उद्देश्य हमें प्रकृति के उन सूक्ष्म प्रभावों से अवगत कराना है, जो हमारे दैनिक जीवन पर पड़ते हैं। यह काल हमें संयम और सावधानी बरतने का संदेश देता है। यदि किसी कारणवश पंचक काल में कोई वर्जित कार्य करना अनिवार्य हो जाए, तो उसके निवारण के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं। उदाहरण के लिए, दक्षिण दिशा की यात्रा पर निकलते समय भगवान गणेश का स्मरण करें और कुछ मीठा खाकर निकलें। शवदाह के मामले में आटे के पुतले बनाकर पंचक दोष का शमन किया जाता है।

धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें:  मंगलवार को नीम पेड़ की पूजा: हनुमान जी से जुड़ा है इसका दिव्य महत्व

भक्ति और श्रद्धा के साथ किए गए ये उपाय हमें नकारात्मक प्रभावों से बचाते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पंचक कोई भय का कारण नहीं, बल्कि यह हमें अपनी परंपराओं और ज्योतिषीय ज्ञान के प्रति जागरूक करने का एक अवसर है।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

Free Fire MAX Redeem Codes: आज के कोड्स से पाएं शानदार रिवार्ड्स बिल्कुल मुफ्त!

Free Fire MAX Redeem Codes: मोबाइल गेमिंग की दुनिया में Garena Free Fire MAX...

Yami Gautam Wedding: क्यों नहीं था यामी गौतम की शादी में कोई प्रपोज़ल और फिल्मी मोमेंट? जानिए एक्ट्रेस ने क्या कहा!

Yami Gautam Wedding: बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा यामी गौतम धर ने अपनी शादी को...

Patna Traffic: शिवाला-कन्हौली रूट पर नई टाइमिंग जारी, जानिए कब बंद रहेगी वाहनों की आवाजाही

Patna Traffic: सड़कों पर अक्सर जिंदगी की रफ्तार थम जाती है, खासकर जब विकास...

क्या भारत-न्यूजीलैंड Free Trade Agreement न्यूजीलैंड के लिए फायदे का सौदा नहीं?

Free Trade Agreement: भारत और न्यूजीलैंड के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें