मुख्य बातें: भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं दामोदरपुर की मां माणिकेश्वरी भगवती, देशज टाइम्स फोटोः दामोदरपुर गांव में स्थापित माता माणिकेश्वरी भगवती
बेनीपट्टी, मधुबनी देशज टाइम्स। प्रखंड के दामोदरपुर गांव स्थित माता माणिकेश्वरी भगवती भक्तों की सभी मनोकांमनाएं पूर्ण करतीं हैं। इन्हें लोग दक्षिण कालिका के नाम से भी जानते हैं। लोगों की मानें तो तकरीबन 300 वर्ष पहले दामोदरपुर गांव निवासी माणिक मिश्र को देवी भगवती ने स्वप्न देकर कहा था कि मैं अमुक स्थान पर मिट्टी में दबी हुई हूं।
मिट्टी खुदाई करवा मुझे बाहर निकाल अपने गांव में स्थापित करो, जहां श्री मिश्र ने स्वप्न टूटते ही माता की ओर से बताये गये निर्देशों का पालन किया और जमीन खोदकर बाहर निकलवाया तो वास्तव में भगवती की प्रतिमा निकली। जिसे गांव में वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान से स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू की गयी। उसी दिन से माता माणिकेश्वरी भगवती के नाम से विख्यात हो गयीं।
तब से अब तक अनवरत उनकी पूजा अर्चना और उपासना की जा रही है। समय बीतने के साथ-साथ समस्त ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर का व्यापक विकास भी किया गया है। मान्यता है कि माता के साथ संस्कृत के महाकवि के रूप में विश्व में विख्यात हुए कालिदास का भी संबंध रहा है। जिसका प्रमाण स्वरूप मंदिर के ठीक निकट अवशेष रहे कालिदास डीह, कालिदास तालाब तथा कालिदास पाठशाला भी है।
गांव तथा दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये माता का दरबार विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहता है। शारदीय नवरात्र के अलावा सामान्य दिनों में भी प्रत्येक दिन सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिये दामोदरपुर गांव पहुंचते हैं।