Vastu Tips: हमारे प्राचीन ग्रंथों में जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने के लिए अनेकानेक नियम बताए गए हैं, जिनमें वास्तु शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। यह विद्या पंचतत्वों के संतुलन और दिशाओं के उचित प्रयोग पर आधारित है, जिसका सीधा प्रभाव हमारे घर की ऊर्जा पर पड़ता है। विशेषकर, घर का बाथरूम एक ऐसा स्थान है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है, परंतु यह सीधे तौर पर घर की सकारात्मक ऊर्जा और सदस्यों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
बाथरूम के लिए महत्वपूर्ण Vastu Tips: घर में सुख-समृद्धि लाएं
बाथरूम की सही दिशा और Vastu Tips
हमारे मनीषियों ने वास्तु के सिद्धांतों को अत्यंत वैज्ञानिक ढंग से प्रतिपादित किया है। बाथरूम को लेकर अक्सर लोग अनभिज्ञ रहते हैं, जिससे अनजाने में कई वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते हैं, जो घर में आर्थिक संकट, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पारिवारिक कलह का कारण बन सकते हैं। इन समस्याओं से बचने और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनाए रखने के लिए बाथरूम से जुड़े कुछ विशेष वास्तु नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन नियमों का पालन कर आप अपने घर से हर प्रकार की नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं और सुख-शांति का वातावरण बना सकते हैं। धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
सही दिशा का चुनाव
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम के लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) मानी जाती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
- दक्षिण, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बाथरूम होने से बचें, क्योंकि ये दिशाएं घर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
टॉयलेट सीट की स्थिति
- टॉयलेट सीट हमेशा इस तरह से स्थापित करें कि बैठते समय व्यक्ति का मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर न हो। उत्तर या पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है।
नलों से पानी का रिसाव
- सुनिश्चित करें कि बाथरूम के नलों से पानी का बेवजह रिसाव न हो। पानी का टपकना धन हानि और आर्थिक तंगी का संकेत माना जाता है। इसे तुरंत ठीक करवाएं।
बाल्टी और मग
- बाथरूम में हमेशा पानी से भरी नीले रंग की बाल्टी या मग रखें। इसे अत्यंत शुभ माना जाता है और यह घर में समृद्धि लाता है। खाली बाल्टी रखने से बचें।
दर्पण का स्थान
- बाथरूम में दर्पण कभी भी दरवाजे के ठीक सामने नहीं लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में वापस परावर्तित हो सकती है। इसे साइड की दीवार पर लगाएं।
रंगों का चयन
- बाथरूम की दीवारों और फर्श के लिए हल्के रंगों का चुनाव करें, जैसे सफेद, हल्का नीला, क्रीम या हल्का ग्रे। गहरे रंग नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।
सफाई और स्वच्छता
- बाथरूम को हमेशा साफ-सुथरा और सूखा रखें। गंदगी और बदबू नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। प्रतिदिन इसकी सफाई करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
दरवाजा बंद रखें
- बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें। खुला दरवाजा नकारात्मक ऊर्जा को पूरे घर में फैलने देता है।
नमक का प्रयोग
- बाथरूम के एक कोने में एक कांच की कटोरी में सेंधा नमक रखें। यह नमक नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है। इसे हर हफ्ते बदलते रहें।
इन सामान्य किंतु महत्वपूर्ण वास्तु नियमों का पालन करके आप अपने घर के बाथरूम से उत्पन्न होने वाले किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं। यह न केवल आपके घर की ऊर्जा को संतुलित करेगा बल्कि परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, धन और मानसिक शांति में भी वृद्धि करेगा। वास्तु के इन सूक्ष्म नियमों का ध्यान रखकर आप अपने घर को सकारात्मकता और समृद्धि का केंद्र बना सकते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




