Vastu Tips: भारतीय संस्कृति में रसोई घर को अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है, जहाँ साक्षात माता अन्नपूर्णा का वास होता है। हमारे भोजन की शुद्धता और हमारे स्वास्थ्य का सीधा संबंध रसोई से है, और इसलिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके रसोई को व्यवस्थित करना घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करता है। यदि इन नियमों की अनदेखी की जाए, तो यह दरिद्रता और दुर्भाग्य को आमंत्रित कर सकता है।
रसोई घर के लिए Vastu Tips: समृद्धि का रहस्य और दरिद्रता से मुक्ति
Vastu Tips: रसोई की प्रमुख गलतियां और उनके समाधान
रसोई घर केवल भोजन पकाने का स्थान नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन में पोषण और ऊर्जा का स्रोत है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई का उचित दिशा में होना और उसमें रखी हर वस्तु का सही स्थान पर होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अक्सर हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और धन हानि का कारण बनती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आइए जानते हैं रसोई घर से जुड़ी कुछ प्रमुख वास्तु गलतियाँ और उन्हें सुधारने के उपाय, ताकि आपके घर में सदैव अन्न और धन का वास रहे।
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रसोई घर में इन बातों का रखें विशेष ध्यान:
- रसोई की दिशा: वास्तु के अनुसार, रसोई घर आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में होना सबसे शुभ माना जाता है। यह अग्नि तत्व की दिशा है, जो भोजन पकाने के लिए उपयुक्त है। यदि यह इस दिशा में न हो, तो दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई होने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे घर में कलह और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
- अग्नि और जल का संतुलन: चूल्हा (अग्नि) और सिंक (जल) को एक साथ या बहुत करीब नहीं रखना चाहिए। अग्नि और जल विरोधी तत्व हैं, और इनका पास-पास होना घर में मतभेद और तनाव पैदा कर सकता है। इनके बीच पर्याप्त दूरी रखें या कोई लकड़ी की वस्तु जैसे कटिंग बोर्ड रखकर संतुलन बनाएँ।
- कूड़ेदान का स्थान: कूड़ेदान को हमेशा ऐसी जगह रखें जो सीधे दिखाई न दे और उसे ढंककर रखें। खुला कूड़ेदान या गलत दिशा में रखा गया कूड़ेदान घर में नकारात्मक ऊर्जा और बीमारियों को बढ़ाता है। इसे हमेशा रसोई के उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोने में रखें।
- अन्न भंडारण: अन्न भंडार की दिशा उत्तर-पश्चिम होनी चाहिए। इस दिशा में अन्न रखने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। चावल, दाल आदि को हमेशा भरे हुए पात्रों में रखें, खाली पात्र दरिद्रता का प्रतीक माने जाते हैं।
- टूटे बर्तन और अनुपयोगी सामान: रसोई घर में कभी भी टूटे-फूटे बर्तन, क्रैक लगे कप या अनुपयोगी सामान नहीं रखना चाहिए। यह घर में दुर्भाग्य का कारण बनता है। ऐसे सभी सामानों को तुरंत बाहर कर दें।
- रसोई की स्वच्छता: रसोई को हमेशा स्वच्छ और व्यवस्थित रखना चाहिए। गंदी रसोई बीमारियों और दरिद्रता को आमंत्रित करती है। रात को सोने से पहले जूठे बर्तन साफ करके रखें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। स्वच्छ रसोई में ही माँ अन्नपूर्णा का वास होता है।
- झाड़ू और पोछा: रसोई में झाड़ू और पोछा न रखें। इन्हें ऐसी जगह पर रखें जहाँ ये सीधे दिखाई न दें। रसोई में रखे झाड़ू-पोछे घर की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
- फ्रिज की दिशा: फ्रिज को रसोई के दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इसे कभी भी उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे आर्थिक संकट आ सकता है।
निष्कर्ष और उपाय:
वास्तु शास्त्र के इन सरल नियमों का पालन करके आप अपने रसोई घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं और घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति बनाए रख सकते हैं। रसोई में कुछ तुलसी के पौधे या पुदीने के पौधे रखना भी शुभ माना जाता है। नियमित रूप से रसोई की साफ-सफाई करें और अन्न का सम्मान करें। ऐसा करने से माँ अन्नपूर्णा की कृपा सदैव बनी रहती है और घर में सुख-शांति का वास होता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





