जाले | जब पूरी दुनिया सो रही थी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। सोमवार देर रात, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने इसरो के जीसैट-20 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से किया गया।
4700 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह देश के दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट और डेटा सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया। इस परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में दरभंगा जिले के जाले प्रखंड के रेवढ़ा पंचायत के वार्ड-9 निवासी डॉ. इम्तियाज अहमद की भूमिका केंद्रीय रही।
डॉ. इम्तियाज अहमद की सफलता पर गर्व
डॉ. इम्तियाज, भूतपूर्व सैनिक कमरे आलम के एकलौते पुत्र हैं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट में नेतृत्व कर अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया। इससे पहले भी, उन्होंने इनसेट-3डीएस सैटेलाइट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर एक सफल मिशन का नेतृत्व किया था।
गांव में जश्न का माहौल
रेवढ़ा पंचायत और दरभंगा के अन्य क्षेत्रों में इस कामयाबी को लेकर जश्न का माहौल है। पंचायत के मुखिया शफीउल्लाह चमन और ग्रामीण डॉ. इम्तियाज की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। लोगों ने मिठाइयां बांटी और इस उपलब्धि को पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक बताया।
इसरो और स्पेसएक्स का सफल सहयोग
इसरो और स्पेसएक्स के बीच यह सहयोग वैश्विक स्तर पर भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। जीसैट-20 मिशन से देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाने की कोशिशें सफल होंगी।
डॉ. इम्तियाज अहमद की इस उपलब्धि से न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे बिहार में गर्व की भावना है। यह सफलता युवाओं को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।