NEET 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का सफल परीक्षण किया है, जिसका सीधा असर लाखों छात्रों पर पड़ेगा और भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी एक नई दिशा तय करेगा।
NEET 2025: फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, NEET UG और JEE में ‘लाइव फोटो’ का नया नियम
NEET 2025 परीक्षा में ‘लाइव फोटो’ बायोमेट्रिक का सफल परीक्षण
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने हाल ही में आयोजित NEET UG 2025 की परीक्षा के दौरान एक महत्वपूर्ण फेस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का सफल ट्रायल किया है। यह कदम परीक्षा में होने वाली धांधली और फर्जीवाड़े को रोकने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। NTA ने घोषणा की है कि इस सफल परीक्षण के बाद, वर्ष 2026 से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main) जैसी प्रमुख परीक्षाओं में ‘लाइव फोटो’ के माध्यम से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि परीक्षा देने वाला उम्मीदवार वही व्यक्ति है जिसने आवेदन किया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह नई व्यवस्था परीक्षा केंद्रों पर होने वाली पहचान संबंधी धोखाधड़ी को प्रभावी ढंग से रोकेगी। अब अभ्यर्थियों को परीक्षा हॉल में प्रवेश के दौरान अपनी लाइव फोटो क्लिक करवानी होगी, जिसकी तुलना उनके आवेदन फॉर्म में अपलोड की गई फोटो से की जाएगी। इस कदम से अभ्यर्थियों की पहचान को लेकर किसी भी प्रकार के संशय की गुंजाइश खत्म हो जाएगी और परीक्षा की विश्वसनीयता बढ़ेगी। ‘लाइव फोटो’ के साथ-साथ उंगलियों के निशान और आईरिस स्कैन को भी अनिवार्य किया जाएगा, जिससे बायोमेट्रिक सत्यापन की प्रक्रिया और भी मजबूत होगी।
लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/education/
यह बदलाव विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी कड़ी मेहनत से इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना चाहते हैं। नई आवेदन प्रक्रिया में, छात्रों को अब अपनी फोटो और बायोमेट्रिक डेटा को अधिक सटीकता से दर्ज करना होगा। यह कदम भविष्य में होने वाली सभी बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करेगा।
क्या है यह ‘लाइव फोटो’ बायोमेट्रिक सिस्टम?
‘लाइव फोटो’ बायोमेट्रिक सिस्टम का मतलब है कि जब कोई छात्र परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करेगा, तो उनकी तस्वीर मौके पर ही ली जाएगी। यह तस्वीर आवेदन पत्र में अपलोड की गई उनकी तस्वीर से मेल खानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उनके फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन भी लिए जाएंगे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि कोई भी “सॉल्वर” या प्रतिरूपक परीक्षा में शामिल न हो सके। NTA ने यह फैसला देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक अनुपस्थिति (परीक्षा देने के लिए न पहुंचने वाले उम्मीदवारों का डेटा) के बढ़ते मामलों और पहचान संबंधी अनियमितताओं को देखते हुए लिया है।
NTA के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, NEET UG 2025 के ट्रायल रन के दौरान कई अभ्यर्थियों की लाइव फोटो उनके रजिस्ट्रेशन फॉर्म की फोटो से मेल नहीं खा पाई, जिसे एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इसका मतलब है कि सिस्टम ने संभावित विसंगतियों को सफलतापूर्वक पकड़ लिया। यह प्रणाली 2026 से सभी प्रमुख NTA परीक्षाओं जैसे NEET UG, JEE Main, CUET, UGC NET आदि में लागू होगी। यह न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा बल्कि परीक्षा प्रणाली में छात्रों और अभिभावकों का विश्वास भी मजबूत करेगा। यह एक स्वागत योग्य कदम है जो भारत में प्रतियोगी परीक्षाओं के भविष्य को आकार देगा, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। NTA का लक्ष्य एक फुलप्रूफ और पारदर्शी परीक्षा आयोजित करना है जहां केवल योग्य उम्मीदवार ही सफल हों। यह पहल देश के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगी, जहां ईमानदारी और योग्यता को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलेगी।




