अमेरिका में नौकरी या पढ़ाई का सपना देखने वाले भारतीयों के लिए एक नई चुनौती सामने खड़ी हो गई है। अमेरिकी प्रशासन ने H-1B और H-4 वीज़ा नियमों में एक अहम बदलाव किया है, जिसके तहत अब वीज़ा आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स सार्वजनिक करने होंगे। 15 दिसंबर 2025 से लागू होने वाला यह नियम लाखों भारतीयों की नौकरी, पढ़ाई और निजी योजनाओं पर बड़ा असर डाल सकता है, जिससे उनमें असुरक्षा का माहौल बन गया है।
बदल गए नियम, अब क्या होगा?
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा किए गए इस बदलाव के बाद, अमेरिका जाने की इच्छा रखने वाले भारतीय नागरिकों की चिंताएँ बढ़ गई हैं। नए प्रावधान के तहत, H-1B और H-4 वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और लिंक्डइन जैसे सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स वीज़ा अधिकारियों के लिए सार्वजनिक करने होंगे। यह नियम न सिर्फ नए वीज़ा आवेदनों पर लागू होगा, बल्कि वीज़ा नवीनीकरण (रिन्यूअल) कराने वालों को भी इसका पालन करना होगा। इस निर्णय से कई भारतीय अपनी नौकरी, उच्च शिक्षा, निजी यात्राओं और परिवार के साथ रहने की योजनाओं को लेकर असमंजस में हैं।
क्या हैं H-1B और H-4 वीज़ा?
यह समझना ज़रूरी है कि ये दोनों वीज़ा भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
- H-1B वीज़ा: यह उन उच्च-कुशल पेशेवरों के लिए होता है जो अमेरिका में नौकरी करने जाते हैं, खासकर टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और आईटी जैसे क्षेत्रों में।
- H-4 वीज़ा: यह H-1B वीज़ा धारकों के परिवार के सदस्यों (जीवनसाथी और 21 वर्ष से कम उम्र के अविवाहित बच्चे) के लिए होता है, जो उनके साथ अमेरिका में रहते हैं। H-4 वीज़ा धारकों को भी कुछ शर्तों के साथ अमेरिका में काम करने की अनुमति मिल सकती है।
ये वीज़ा भारत के हाइ-स्किल्ड युवाओं के लिए अमेरिकी कंपनियों में करियर बनाने के महत्वपूर्ण अवसर खोलते हैं।
भारतीयों पर सबसे ज़्यादा असर
आंकड़े बताते हैं कि इन वीज़ा परिवर्तनों का सबसे अधिक प्रभाव भारतीयों पर पड़ेगा। अमेरिका द्वारा जारी किए जाने वाले लगभग 70 प्रतिशत H-1B वीज़ा भारतीयों को मिलते हैं। इसी तरह, H-4 वीज़ा पर काम करने वाले लगभग 90 प्रतिशत व्यक्ति भारतीय मूल के हैं। ये लोग अमेरिका में अपना जीवन स्थापित करते हैं — नौकरी करते हैं, घर खरीदते हैं और अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का इंतजाम करते हैं। ऐसे में, इस नए नियम से उनकी नौकरी की सुरक्षा और कानूनी स्थिति पर सीधा असर पड़ने का डर बढ़ गया है, जिससे उनके भविष्य की अनिश्चितता पैदा हो गई है।
विशेषज्ञों की क्या है सलाह?
वीज़ा नियमों में इस सख्ती के बाद विशेषज्ञों ने आवेदकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि अब सोशल मीडिया पर साझा की गई कोई भी तस्वीर, पोस्ट या ‘लाइक’ भी वीज़ा अधिकारियों की जांच के दायरे में आ सकती है। इसलिए, प्रत्येक आवेदक के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि वे अपने डिजिटल प्रोफाइल को त्रुटिहीन और पेशेवर बनाए रखें। विशेषज्ञों का मानना है कि केवल प्रासंगिक और पेशेवर जानकारी ही सोशल मीडिया पर साझा की जानी चाहिए, ताकि वीज़ा प्रक्रिया के दौरान किसी भी अनावश्यक जटिलता से बचा जा सके।


