पटना: बिहार की राजनीति में प्रेम कुमार का कद लगातार बढ़ता रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह उनके लंबे राजनीतिक अनुभव और जनता के बीच गहरी पैठ का प्रमाण है। प्रेम कुमार, गया शहर से विधायक हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता के तौर पर जाने जाते हैं। एनडीए गठबंधन की सरकार में उन्हें यह महत्वपूर्ण पद मिलना, पार्टी के भीतर उनके कद को और मजबूत करता है।
प्रेम कुमार ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। वे लंबे समय से गया शहरी विधानसभा सीट से निर्वाचित होते रहे हैं। उनकी छवि एक जमीनी नेता की रही है, जो लगातार जनता से जुड़े रहते हैं। नीतीश सरकार में उन्हें पहले भी मंत्री पद की जिम्मेदारी मिल चुकी है, जिसमें वे स्वास्थ्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाल चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष का पद, बिहार की विधायी प्रक्रिया का नेतृत्व करने वाला सर्वोच्च पद होता है, और इस पर उनका चयन उनके अनुभव और पार्टी नेतृत्व के विश्वास को दर्शाता है।
प्रेम कुमार का राजनीतिक सफर
प्रेम कुमार का राजनीतिक सफर काफी लंबा और सफल रहा है। वे पहली बार 1990 में गया शहरी सीट से विधायक चुने गए थे। तब से लेकर अब तक, वे लगातार इस सीट से जीत दर्ज करते आ रहे हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने शानदार जीत हासिल की। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकारों में उन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। वे बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री जैसे पदों पर रह चुके हैं। उनके मंत्री के तौर पर कार्यकाल को काफी सकारात्मक देखा गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में भी वे एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे पदों पर भी रह चुके हैं। उनकी सांगठनिक क्षमता और नेतृत्व गुण पार्टी के लिए हमेशा फायदेमंद साबित हुए हैं। एक विधायक के तौर पर उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिसकी वजह से वे जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
प्रेम कुमार की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो, उन्होंने राजनीति में आने से पहले अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. (Master of Arts) की डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने एल.एल.बी. (Bachelor of Laws) की डिग्री भी प्राप्त की है। उनकी यह शैक्षणिक पृष्ठभूमि उन्हें कानूनी और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में मामलों को समझने में मदद करती है, जो विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उनकी शिक्षा केवल अकादमिक स्तर तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने इसे अपने राजनीतिक जीवन में भी प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। एक शिक्षित और अनुभवी नेता के रूप में, उनसे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और मर्यादा बनाए रखने की उम्मीद की जाती है।
आगे की राह
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रेम कुमार के सामने कई चुनौतियां होंगी। उन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संतुलन बनाते हुए सदन की कार्यवाही को निष्पक्षता से संचालित करना होगा। बिहार की राजनीति में अध्यक्ष का पद हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और प्रेम कुमार से अपेक्षा की जाती है कि वे इस गरिमामय पद की गरिमा को बनाए रखेंगे। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि वे इस नई भूमिका में भी सफल होंगे।








