UPSC Success Story: कहते हैं ना, अगर हौसला बुलंद हो और मेहनत में ईमानदारी हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी उमेश गणपत खांडबहाले की कहानी ऐसे ही लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में असफलताओं से घबराकर अपने सपनों को छोड़ देते हैं। यह एक ऐसी UPSC Success Story है जो दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
12वीं में फेल होने के बाद बने IPS अधिकारी: उमेश गणपत खांडबहाले की प्रेरणादायक UPSC Success Story
संघर्षों से भरी थी उमेश की UPSC Success Story
महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले उमेश गणपत खांडबहाले का परिवार बेहद साधारण था और संसाधनों की हमेशा कमी रही। पढ़ाई के दौरान उन्हें एक बड़ा झटका तब लगा जब वे 12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा में केवल 21 नंबर लाकर असफल हो गए। यह असफलता इतनी बड़ी थी कि वे पूरी 12वीं कक्षा में ही फेल हो गए, जिसके बाद उन्हें नियमित पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
हालात के सामने हार मानने की बजाय, उमेश ने परिवार की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया। उन्होंने अपने पिता के साथ काम करना शुरू किया। वे रोज गांव से नासिक जाकर दूध बेचते थे और इसके अलावा भी कई छोटे-मोटे काम करते रहे ताकि घर का खर्च चल सके। दिन-रात की मेहनत और संघर्ष उनकी दिनचर्या का अटूट हिस्सा बन गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
कठिन परिस्थितियों के बावजूद उमेश के मन में पढ़ाई और आगे बढ़ने की इच्छा कभी खत्म नहीं हुई। उन्होंने यह ठान लिया था कि रास्ता भले ही मुश्किल हो, पर नामुमकिन नहीं। कुछ समय बाद उन्होंने ओपन स्कूल के माध्यम से फिर से पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया। अथक प्रयास और धैर्य के साथ उन्होंने दोबारा 12वीं कक्षा पास की। यह उनके जीवन का पहला बड़ा मोड़ साबित हुआ, जिसने उन्हें आत्मविश्वास की नई उड़ान दी।
दृढ़ संकल्प से मिली सफलता
12वीं पास करने के बाद उमेश ने साइंस विषय से कॉलेज में दाखिला लिया। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ, उन्हें अपने खर्च और परिवार की मदद के लिए लगातार काम भी करना पड़ता था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। इस दौरान उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की। कॉलेज के दिनों में ही उनके मन में देश की सेवा करने का सपना और भी मजबूत होता चला गया, जिसने उन्हें एक नई दिशा दिखाई।
ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा यानी UPSC की Exam Preparation शुरू की। यह सफर आसान नहीं था, खासकर उस व्यक्ति के लिए जिसने कभी पढ़ाई छोड़ने का दर्द झेला हो। लेकिन उमेश ने अपनी पिछली असफलताओं को कमजोरी नहीं, बल्कि अपनी ताकत बना लिया। उन्होंने सीमित संसाधनों में पढ़ाई की, हर पल का सदुपयोग किया और लगातार मेहनत करते रहे। उनकी लगन और दृढ़ संकल्प ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी थी। लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें
कड़ी मेहनत का परिणाम आखिरकार सामने आया। उमेश गणपत खांडबहाले ने UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की और उन्हें 704वीं रैंक मिली। इस रैंक के साथ उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए हुआ। यह कहानी साबित करती है कि अगर इंसान ठान ले, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


