पश्चिम बंगाल न्यूज़: पश्चिम बंगाल के लाखों स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए साल 2026 से जुड़े कुछ ऐसे बड़े ऐलान हुए हैं, जो उनकी छुट्टियों और बोर्ड परीक्षा के पैटर्न को पूरी तरह बदल देंगे! जहां एक ओर गर्मी की छुट्टियां अचानक छोटी कर दी गई हैं, वहीं त्योहारों के मौसम में आराम का एक लंबा तोहफा भी मिला है। क्या हैं ये बदलाव और इनका छात्रों पर क्या पड़ेगा असर? आइए जानते हैं…
गर्मी की छुट्टियों में कटौती: सिर्फ 6 दिन का ब्रेक
पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) ने 2026 के शैक्षणिक सत्र के लिए गर्मियों की छुट्टियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। आमतौर पर मई-जून में मिलने वाली लंबी गर्मी की छुट्टियां अब सिर्फ 6 दिनों की होंगी। बोर्ड के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, समर ब्रेक 11 मई से शुरू होकर 17 मई तक ही रहेगा। यह फैसला शैक्षणिक सत्र को संतुलित करने और छात्रों पर पढ़ाई के दबाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। बोर्ड का तर्क है कि इससे बच्चों का अकादमिक नुकसान नहीं होगा और वे अपनी पढ़ाई पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
त्योहारों पर मिलेगा लंबा आराम: 25 दिन की छुट्टी
हालांकि, गर्मी की छुट्टियों में कटौती छात्रों के लिए कुछ निराशा ला सकती है, लेकिन WBBSE ने एक बड़ी खुशखबरी भी दी है। बोर्ड ने त्योहारों के लिए छुट्टियों की अवधि में जबरदस्त इजाफा किया है। साल 2026 में दुर्गा पूजा, काली पूजा और भाईफोंटा जैसे बड़े त्योहारों के अवसर पर छात्रों और शिक्षकों को लगातार 25 दिनों का लंबा अवकाश मिलेगा। इसका मतलब है कि मौसम की गर्मी में भले ही आराम कम हो, लेकिन त्योहारों के समय परिवार के साथ समय बिताने और मानसिक आराम के लिए भरपूर मौका मिलेगा। यह बदलाव छात्रों, अभिभावकों और स्कूल स्टाफ सभी के लिए राहत लेकर आया है।
12वीं बोर्ड परीक्षा में सप्लीमेंट्री शीट बंद
छुट्टियों के साथ-साथ, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने 2026 से होने वाली 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए भी कुछ अहम नियम लागू किए हैं। इनमें सबसे प्रमुख है सप्लीमेंट्री शीट यानी अतिरिक्त उत्तर पुस्तिकाओं का पूरी तरह बंद होना। अब छात्रों को परीक्षा के दौरान कोई एक्स्ट्रा शीट नहीं मिलेगी। उन्हें दी गई मुख्य उत्तर पुस्तिका में ही अपने सभी जवाब लिखने होंगे। यह कदम परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और सटीक बनाने की दिशा में उठाया गया है।
उत्तर पुस्तिकाओं पर हस्ताक्षर अनिवार्य: पारदर्शिता पर ज़ोर
बोर्ड ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक और महत्वपूर्ण नियम पेश किया है। अब हर छात्र की उत्तर पुस्तिका के अंतिम पेज पर परीक्षक या इनविजिलेटर के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। यदि किसी उत्तर पुस्तिका पर ये हस्ताक्षर नहीं पाए जाते हैं, तो उसे अमान्य भी घोषित किया जा सकता है। इस नियम से कॉपी बदलने, पन्ने जोड़ने या मूल्यांकन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम होगी, जिससे छात्रों को उनके प्रदर्शन के आधार पर निष्पक्ष अंक मिल सकेंगे।


