Irrfan Khan News: बॉलीवुड के उस बेमिसाल फनकार, जिसकी अदाकारी ने हर दिल पर राज किया, आज भी उनकी यादें सिने प्रेमियों की आंखों में नमी ले आती हैं। साल 2020 में कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जूझते हुए इरफान खान ने दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन उनकी फिल्में और उनके किस्से आज भी ज़िंदा हैं। उनकी आखिरी फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ की शूटिंग के दौरान के कुछ ऐसे दर्दनाक पल अब सामने आए हैं, जिन्हें सुनकर हर किसी की रूह कांप जाएगी।
आखिरी फिल्म की शूटिंग में इरफान खान का वो दर्द, जिसे सुनकर आप भी हो जाएंगे इमोशनल!
इरफान खान की हिम्मत और जुझारूपन: ‘मुझे बहुत ठंड लगती है स्मृति’
फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ के सेट पर इरफान खान की कॉस्ट्यूम डिजाइनर स्मृति चौहान ने हाल ही में ‘डिजिटल कमेंट्री’ से बातचीत में उस दौर को याद किया जब इरफान अपनी बीमारी से लड़ते हुए भी काम कर रहे थे। स्मृति बताती हैं कि इरफान उनसे बार-बार एक ही बात कहते थे, “स्मृति, मुझे बहुत ठंड लगती है।” उनकी यह बात सुनकर स्मृति का दिल पसीज जाता था। इरफान ने उन्हें लंदन के एक खास ब्रांड के बारे में बताया और कहा कि अगर हो सके तो वहां से उनके लिए गर्म कपड़े ले आएं। स्मृति ने बिना देर किए उनकी बात मानी, क्योंकि इरफान की आंखों में उनकी तकलीफ साफ झलकती थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
शरीर का साथ छोड़ना और काम के प्रति जुनून
शूटिंग के दौरान इरफान का वजन लगातार घट रहा था। उनका शरीर धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा था, जिसकी वजह से उनके कपड़ों में पैडिंग का इस्तेमाल करना पड़ता था। स्मृति चौहान ने बताया कि उन्हें कई परतों में कपड़े पहनाए जाते थे, इसके बावजूद पैडिंग जरूरी हो जाती थी ताकि वे पर्दे पर कमजोर न दिखें। यहां तक कि गर्मी के सीन्स में भी उन्हें बनियान पहनाई जाती थी, जिसमें पैडिंग लगी होती थी। यह दिखाता है कि इरफान अपनी इस आखिरी फिल्म को पूरा करने के लिए किस हद तक जद्दोजहद कर रहे थे।
परिवार का सहारा और शूटिंग में बाधाएं
कॉस्ट्यूम डिजाइनर ने आगे बताया कि बीमारी के कारण इरफान अक्सर बेहद कमजोर महसूस करते थे। उनका शरीर उनका साथ नहीं दे रहा था, लेकिन उनका हौसला बरकरार था। ऐसे में उनका परिवार, जिसमें उनकी पत्नी और बच्चे शामिल थे, हर वक्त उनके आसपास रहता था। परिवार उनके लिए सबसे बड़ा सहारा था। कई बार ऐसा भी होता था कि असहनीय दर्द की वजह से शूटिंग को बीच में ही रोकना पड़ता था। वे दर्द से कराहते थे, फिर भी काम पूरा करने की लगन उनमें साफ दिखती थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अधूरी ख्वाहिशें और बेमिसाल अदाकार की विदाई
स्मृति चौहान इरफान की तकलीफें बताते हुए काफी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा भी हुआ जब इरफान सेट पर नहीं पहुंच पाए और शूटिंग रद्द करनी पड़ी। फिर भी, उन्हें यकीन था कि इरफान का मकसद सिर्फ अपना काम करते रहना था, और वे आखिरी दम तक यही करते रहे। इरफान खान का यह जज्बा वाकई काबिल-ए-तारीफ था। इस ‘Last Film’ की शूटिंग उनके लिए सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि जिंदगी का आखिरी इम्तिहान था जिसे उन्होंने पूरी हिम्मत से पार किया। मनोरंजन जगत की चटपटी खबरों के लिए यहां क्लिक करें। उनका निधन 2020 में हुआ और उनकी ये बातें आज भी उनके चाहने वालों को भावुक कर देती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



