Jon Voight News: हॉलीवुड की दुनिया में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जिनकी अदाकारी सिर्फ पर्दों पर नहीं, बल्कि दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए अमिट छाप छोड़ जाती है। 29 दिसंबर को जन्मे दिग्गज अभिनेता जॉन वोइट भी उन्हीं में से एक हैं, जिनकी अभिनय शैली इतनी गहरी और स्वाभाविक है कि उन्हें भारतीय सिनेमा के महान अभिनेताओं नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी की श्रेणी में रखा जाता है। उनकी पहचान कभी ग्लैमर से नहीं बनी, बल्कि किरदारों की सच्चाई और भावनात्मक ईमानदारी ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई।
हॉलीवुड अभिनेता Jon Voight ने अपने अभिनय से यह साबित किया है कि एक कलाकार की असली दौलत उसके किरदार में उतर जाने की क्षमता होती है। समीक्षक अक्सर उनकी तुलना नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी जैसे भारतीय दिग्गजों से करते हैं, क्योंकि तीनों ही कलाकारों ने बाहरी दिखावे से दूर, भीतर तक झकझोर देने वाली परफॉरमेंस दी हैं। उनकी अदाकारी में एक सहजता और यथार्थवाद झलकता है, जो दर्शकों को सीधे दिल से जोड़ता है।
Jon Voight को कैसे मिली ‘अंतर्राष्ट्रीय पहचान’?
साल 1969 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मिडनाइट काउबॉय’ ने जॉन वोइट को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया। इस फिल्म में उनका ‘जो बक’ का किरदार आज भी यादगार है। जो बक एक ऐसा युवक था जो बड़े-बड़े सपनों को संजोए न्यूयॉर्क आता है, लेकिन शहरी जीवन की कठोरता, अकेलापन और गरीबी उसे अंदर से तोड़ देती है। फिल्म का एक मार्मिक दृश्य तब आता है, जब जो बक न्यूयॉर्क की सड़कों पर चलते हुए लोगों की बेरुखी और शहर की क्रूरता से अंदर ही अंदर टूटता नजर आता है। इस सीन में बहुत कम संवाद थे, लेकिन जॉन वोइट ने अपनी आंखों, चाल और चेहरे के हाव-भाव से जो दर्द और पीड़ा दिखाई, वही उन्हें एक असाधारण कलाकार बनाती है। यह सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि उस समय के समाज का एक कड़वा सच था, जिसे जॉन वोइट ने पर्दे पर जीवंत कर दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
जॉन वोइट की यही अद्भुत अभिनय शैली भारतीय सिनेमा के नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी के किरदारों में भी झलकती है। नसीरुद्दीन शाह ने ‘अर्ध सत्य’ में एक ईमानदार लेकिन व्यवस्था से जूझते पुलिस अफसर की भूमिका निभाई, तो ओम पुरी ने ‘आक्रोश’ में एक भीतर से सुलगते किसान का किरदार निभाया। इन सभी किरदारों में शब्दों से कहीं ज्यादा असर खामोशी, आंखों की नमी और अनकही भावनाओं का होता है। जॉन वोइट का अभिनय भी ऐसा ही है; यह ऊपर से ओढ़ा हुआ नहीं, बल्कि किरदार की आत्मा से निकलता हुआ महसूस होता है।
जॉन वोइट: सिर्फ स्टार नहीं, एक मिसाल!
एंजेलिना जोली के पिता, जॉन वोइट, ने अपने करियर में कई यादगार फिल्में दी हैं, जिनमें ‘कमिंग होम,’ ‘हीट’ और ‘मिशन: इम्पॉसिबल’ जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में उन्होंने अलग-अलग रंगों के किरदार निभाए, लेकिन उनकी सबसे खास पहचान हमेशा उन किरदारों से जुड़ी रही, जो समाज के हाशिये पर खड़े लोगों की कहानियों को बयां करते थे। यही कारण है कि उन्हें सिर्फ एक हॉलीवुड स्टार नहीं, बल्कि एक कैरेक्टर एक्टर की मिसाल माना जाता है। मनोरंजन जगत की चटपटी खबरों के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/entertainment/। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उनकी अदाकारी सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का गहरा अनुभव कराती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



