Saif Ali Khan News: बॉलीवुड के नवाब सैफ अली खान और उनकी बेटी सारा अली खान के रिश्तों की गरमाहट अक्सर सुर्खियों में रहती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जिम्मेदार पिता के रूप में सैफ ने कैसे अपनी बेटी को सहारा दिया? आज हम आपको पटौदी परिवार के कुछ अनसुने किस्से सुनाने जा रहे हैं।
नवाब सैफ अली खान की पेरेंटिंग पर दादी शर्मिला और बेटी सारा ने खोले राज!
हाल ही में एक खास इंटरव्यू में सारा अली खान ने अपने बचपन और अपने पिता सैफ के साथ अपने मजबूत रिश्ते पर खुलकर बात की। सारा बताती हैं कि भले ही उनके माता-पिता (सैफ अली खान और अमृता सिंह) बचपन में अलग हो गए थे और उनका पालन-पोषण उनकी मां के साथ हुआ, फिर भी वो हमेशा अपने पापा के बेहद करीब रहीं। इस बातचीत में सारा के साथ उनकी दादी, वेटरन एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर भी मौजूद थीं, और सोहा अली खान ने दोनों से दिलचस्प सवाल पूछे।
Saif Ali Khan: एक पिता के रूप में जिम्मेदारियों का अद्भुत संतुलन
शर्मिला टैगोर ने इस दौरान अपने बेटे सैफ की परवरिश और उनके पिता बनने के सफर पर बात की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों को माता-पिता बनते देखकर बहुत कुछ सीखा है। शर्मिला ने कहा कि उनके समय में बच्चों के पालन-पोषण के लिए घर के बड़े-बुजुर्गों पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता था, जबकि आज की पीढ़ी किताबें और दोस्तों से सलाह लेती है। सैफ की पेरेंटिंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सारा के छोटे होने के दौरान सैफ ने काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच शानदार संतुलन बनाया और एक जिम्मेदार पिता की भूमिका निभाई।
शर्मिला टैगोर ने आगे बताया कि सैफ एक बेहतरीन पिता रहे हैं। उन्होंने सैफ को सारा के साथ बहुत करीब से देखा है। शर्मिला के मुताबिक, कई बार जब सैफ को देर रात किसी फिल्म प्रीमियर में जाना होता था, तो सारा भी उनके साथ खुशी-खुशी जाती थीं, लेकिन इसका उन पर कोई गलत असर नहीं पड़ा। सारा वापस आकर अपना होमवर्क भी पूरा करती थीं।
इसके बाद शर्मिला ने इब्राहिम अली खान के बचपन से जुड़ा एक किस्सा याद किया, जिसने पेरेंटिंग को लेकर उनकी सोच बदल दी। पटौदी में हुए एक क्रिसमस सेलिब्रेशन का किस्सा शेयर करते हुए शर्मिला टैगोर ने बताया कि वो क्रिसमस ट्री को बिल्कुल परफेक्ट तरीके से सजाना चाहती थीं, जबकि छोटे इब्राहिम खुशी-खुशी जहां मन हुआ वहां सजावट लगा रहे थे। तभी सैफ ने प्यार से कहा कि बच्चों को भी इसमें हिस्सा लेने देना चाहिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उस पल से शर्मिला को यह सीख मिली कि हर चीज परफेक्ट होना जरूरी नहीं है, बच्चों को अपनी रफ्तार से आगे बढ़ने देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सैफ इस मामले में हमेशा बहुत समझदार और अच्छे पिता रहे हैं। शर्मिला टैगोर ने यह भी बताया कि सैफ आज भी अपने छोटे बेटों तैमूर और जेह के साथ काफी मस्ती करते हैं। उन्होंने कहा कि जब चाकू से हमसफ़र वाला हादसा हुआ था, उस समय भी सैफ बच्चों के साथ बहुत सच्चे और सहज रहे।
मां अमृता और पिता सैफ से सारा ने क्या सीखा?
वहीं सारा अली खान ने बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने दोनों माता-पिता से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि जब कभी उनका दिन खराब होता है, तो वो किसी से सलाह नहीं लेना चाहतीं, क्योंकि एक कहता है कि तुम अपने पिता जैसी हो और दूसरा कहता है कि तुम मां पर गई हो। सारा ने कहा कि यह तो डीएनए की वजह से होना ही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सारा ने आगे बताया कि उन्हें अलग-अलग चीजें पसंद करने की आदत अपने पिता से मिली है, जबकि खुद को बिना झिझक अपनाने की सीख उन्हें अपनी मां अमृता सिंह से मिली। उन्होंने कहा कि उनकी मां ने उन्हें सिखाया कि कैसे हर हाल में सच्चा और बेबाक रहना चाहिए, खासकर ऐसी दुनिया में जहां ऐसा होना आसान नहीं है। मनोरंजन जगत की चटपटी खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
यह किस्से पटौदी परिवार के मजबूत रिश्तों की कहानी कहते हैं, जहां हर सदस्य एक-दूसरे का सम्मान करता है और अपने अनुभवों से सीखता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


