मई,18,2024
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जहरीली शराब से 13 मौत के बाद नीतीश के सत्ता पर हमला, परिवारवाले हुए बेगाने, सत्ता में रहकर मुखिया पर अटैक, बीजेपी-मांझी ने घेरा तो JDU ने पूछे सवाल…सत्ता से बाहर हो गए हो का…? राजद की धीरे से चुटकी…पढ़िए Facebook में कैसे बिगड़ा अंदर का Face

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत के बाद अब सत्ताधारी दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। राजद का तो समझ में आता है।

 

 

इस्तीफा मांगना नीतीश बाबू से कि नैतिकता है, इस्तीफा दे दीजिए लेकिन सत्ता में बैठकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश को घेर लिया है। इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बड़ा हमला बोला। इसका जवाब जदयू की ओर से आया तो आज फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने फेसबुक पेज पर भड़ास निकाला।

आइए सबसे पहले पढ़िए क्या लिखा है प्रदेश अध्यक्ष श्री जायसवाल ने अपने फेसबुक पेज पर

नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां संतवाना देता तो आपके लिए अपराध है।
अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना। यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है।
दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्रि होने दी । 10 वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें।

तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है। इस को पकड़ना भी बहुत आसान है ।इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे ।जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन ,पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।

इसी क्रम में एनडीए की सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी युवा मोर्चा ने बिहार में शराबबंदी कानून समाप्त करने की बड़ी मांग उठाई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने कहा है कि नालंदा में जहरीली शराब कांड से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरीके से फेल हो चुका है और इस कानून को अब निरस्त कर दिया जाना चाहिए।

आरजेडी ने भी बिहार में शराबबंदी कानून फेल होने की बात कही। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में जिस तरीके से जहरीली शराब से लगातार मौत हो रही है उसकी जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

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शक्ति सिंह यादव ने कहा कि ”पिछले दिनों बिहार में जहरीली शराब से हुई कई मौतों के बाद भी नीतीश कुमार की आंखें नहीं खुली है। बिहार में शराबबंदी पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुका है। अनुशासन शराब की आपूर्ति कराने में भूमिका निभा रहा है। मगर नीतीश कुमार मानने को तैयार नहीं है। नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।

राज्य में शराबबंदी कानून विफल साबित हुई
शराबबंदी मामले पर बिहार भाजपा के रुख से एक बार फिर सत्तारूढ़ गठबंधन में असहज स्थितियां पैदा हो गई हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर कहा है कि राज्य में शराबबंदी कानून विफल साबित हुआ है। जायसवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस कानून की आड़ में पुलिस लोगों का शोषण कर रही है।

सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के आने के बाद गठबंधन में शामिल जदयू के सामने असहज स्थिति पैदा हो गई। जदयू के कई नेताओं ने एक साथ भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा अध्यक्ष शराब माफिया के पक्ष में हैं। इसके तुरंत बाद भाजपा की तरफ से भी पलटवार होने लगे। विपक्ष ने इस पर चुटकी ली है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि ‘तू-तू-मैं-मैं का मतलब है भाजपा-जदयू गठबंधन’।

शराबबंदी कानून को वापस क्यों नहीं ले सकते?
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के वरिष्ठ प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जब केंद्र सरकार किसी कानून को वापस ले सकती है तो फिर बिहार में मुख्यमंत्री शराबबंदी कानून को वापस क्यों नहीं ले सकते? हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा ”किसी भी कानून को वापस लेना प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना चाहिए। आज बिहार के सभी जिलों में शराबबंदी के कारण जहरीली शराब मिल रही है और गरीबों की मौत हो रही है। यह सरकार के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।

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अधिकारियों के चलते शराबबंदी कानून फेल’

जहरीली शराब से 13 मौत के बाद नीतीश के सत्ता पर हमला, परिवारवाले हुए बेगाने, सत्ता में रहकर मुखिया पर अटैक, बीजेपी-मांझी ने घेरा तो JDU ने पूछे सवाल...सत्ता से बाहर हो गए हो का...? राजद की धीरे से चुटकी...पढ़िए Facebook में कैसे बिगड़ा अंदर का Face
जहरीली शराब से 13 मौत के बाद नीतीश के सत्ता पर हमला, परिवारवाले हुए बेगाने, सत्ता में रहकर मुखिया पर अटैक, बीजेपी-मांझी ने घेरा तो JDU ने पूछे सवाल…सत्ता से बाहर हो गए हो का…? राजद की धीरे से चुटकी…पढ़िए Facebook में कैसे बिगड़ा अंदर का Face

वहीं, सरकार के एक और सहयोगी दल बीजेपी ने नीतीश कुमार के ऊपर जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर हमला किया है। बीजेपी प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अगर शराबबंदी कानून फेल है तो उसकी वजह अधिकारियों की फौज है जो इस कानून का पालन नहीं करवा रही है। इसका इस्तेमाल धन उगाही के लिए कर रही है। बीजेपी नेता अरविंद कुमार सिंह ने कहा ”अगर सारे अधिकारियों की संपत्ति की जांच हो तो शराब बंदी कानून समझ में आ जाएगा।

इधर, संजय जायसवाल के फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्‍ट जब जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल खड़े कर दिए हैं। पूछा है कि कार्रवाई कोई दल करता है या सरकार। उनको हमारी पार्टी से सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन जब उन्‍होंने दल से पूछा तो इसके पीछे उनकी क्‍या मंशा है, ये तो वही जानें।

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने संजय जायसवाल के पोस्ट पर जवाब देते कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष क्या बोलते हैं मुझे समझ नहीं आता। जब शराबबंदी कानून बना था तो सभी ने संकल्प लिया था। अब किस बात की समीक्षा करने की बात कर रहे हैं।

नीरज कुमार ने कहा है कि शराबबंदी कानून में कोई खामी नहीं है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी से सामाजिक बदलाव आए हैं। नालंदा में संदिग्ध मौत जरूर हुई है, लेकिन बीजेपी नेताओं को पोस्टमार्टम होने तक इंतजार करना चाहिए। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश सरकार शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से जहां अपराध में कमी आई है, वहीं कई सामाजिक बदलाव आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शराबबंदी कानून की तारीफ की है।

सबसे पहले अंदरखाने हमला संजय जायसवाल ने ही फेसबुक पर किया। इसपर जदयू प्रवक्‍ता अभिषेक झा ने उनपर पलटवार कर दिया। इसके बाद तत्काल श्री जायसवाल ने फिर फेसबुक पर पोस्ट किया…

मेरी प्रवृत्ति नहीं है कि मैं अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दूं। आज मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा जी मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुए मृत्यु मे, मेरे जाने पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं । जदयू के प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह सवाल जदयू के द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है अपनी व्यक्तिगत नहीं।
मैं माननीय अभिषेक झा जी को बता दूं की मैं जहरीली शराब से हुई मौतों के परिवारजनों के घर गया था और अगर भविष्य में भी कभी मेरे लोकसभा क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटना घटेगी तो मैं हर हालत में जाऊंगा और आर्थिक मदद भी करुँगा । अगर कोई व्यक्ति जहरीली शराब से मरता है तो उसने निश्चित तौर पर अपराध किया है पर इससे प्रशासनिक विफलता के दाग को बचाया नहीं जा सकता और जब मैं इस शासन के एक घटक का अध्यक्ष हूं तो यह मेरी भी विफलता है।
मैं उन गरीबों से इंसानियत के नाते मिलने गया था। मैं अच्छे से जानता हूं कि मरने वालों ने अपराध किया है इसलिए सरकार द्वारा उन्हें किसी प्रकार की मदद संभव नहीं थी । उन सभी परिवारों को अंतिम क्रियाकर्म में थोड़ी सी मदद करने का काम मैंने किया है क्योंकि गुनाहगार मरने वाले थे ना कि उनके परिवारजन।
वैसे भी मैं अभिषेक झा जी को याद दिला दुँ कि मैंने संपूर्ण मीडिया के सामने कहा था कि शराबबंदी कानून की पुनः समीक्षा होनी चाहिए। मैं 100% शराबबंदी का समर्थक हूं और मानता हूं कि शराब बहुत बड़ा सामाजिक अपराध है जो पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है।

फिर भी मैं यह मानता हूं कि जिस श्रेणी का अपराध हो सजा उसी श्रेणी की होनी चाहिए। दिल्ली से कोई परिवार दार्जिलिंग छुट्टियां मनाने जा रहा है और उसके गाड़ी में बिहार में एक बोतल शराब पकड़ी गई और उस परिवार की गाड़ी नीलाम हो जाती है। ऐसी कम से कम 5 घटनाएं मैं व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं। 10 वर्ष के जेल का प्रावधान केवल उन पुलिस अधिकारियों के लिए होना चाहिए जिन्होंने माननीय नीतीश कुमार जी के इतने अच्छे सामाजिक सोच को नुकसान पहुंचाया है।

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अगर मेरी बात समझ में नहीं आ रही हो तो मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपने पंचायत के किसी भी आम व्यक्ति से संपर्क कर लें। आपको शराबबंदी और पुलिस की भूमिका अच्छे से समझ में आ जाएगी।

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