राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने साफ किया है कि बिहार में होने वाले विधान परिषद चुनाव में एक चौथाई सीट पर उनके छात्र जनशक्ति परिषद के उम्मीदवारों को जगह मिलनी चाहिए। वहीं, बिहार में समय-समय पर महागठबंधन की गांठ ढीली पड़ती देखी जाती रही है। पढ़िए पूरी खबर क्या है पूरा समीकरण, कहां फंसा है पेंच
सार्वजनिक रूप से बयानबाजी
तेज प्रताप के संगठन ने साफ कर दिया है कि उनकी शर्त मानने पर ही राजद को इस चुनाव में समर्थन दिया जाएगा, अन्यथा नहीं। छात्र जनशक्ति परिषद ने विधान परिषद के चुनाव में राजद से छह सीटों की मांग की है।
छात्र जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने कहा है कि यह बात राजद के सभी नेता भी जानते है कि श्रीकृष्ण के बिना पार्टी की जीत संभव नहीं है। प्रदेश के अधिकतम छात्र-युवा छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजप्रताप यादव के साथ हैं।
इसलिए राजद को विधान परिषद चुनाव में कम से कम 25 प्रतिशत सीटों पर उम्मीदवार का चयन करने के लिए तेजप्रताप यादव को अधिकृत करना चाहिए। अगर राजद विधान परिषद की छह सीट छात्र जनशक्ति परिषद को देता है तो छात्र जनशक्ति परिषद का पूर्ण समर्थन राजद के सभी उम्मीदवार के साथ होगा।
उन्होंने कहा कि तेजप्रताप यादव अभी तक अपने सिद्धांतों से समझौते के लिए तैयार नहीं हैं, जिसके कारण वह पिता की पार्टी से बगावत नहीं कर पा रहे हैं लेकिन उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ली गई तो दूसरी पार्टी की तरफ से उन्हें डिप्टी सीएम बनाने का ऑफर दिया गया है। प्रशांत प्रताप यादव का इशारा जदयू की तरफ था। इस बीच तेजस्वी यादव ने विधान परिषद चुनाव के 24 सीटों में से नौ सीटों पर राजद के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। जिसे लालू यादव की स्वीकृति का इंतजार है।
पड़ रही गठबंधन में महागांठ
बिहार में समय-समय पर महागठबंधन की गांठ ढीली पड़ती देखी जाती रही है। इस बार बिहार में महागठबंधन की परवाह किये बिना ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने स्तर से विधान परिषद के नौ प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर दिए हैं। अब इस पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सहमति और घोषणा बाकी है। हालांकि, कांग्रेस ने पहले ही कुछ सीटों पर दावेदारी को लेकर सार्वजनिक रूप से बयानबाजी भी की है।
प्रत्याशियों के नाम तय
राजद की जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए गए, उनमें वैशाली से सुबोध कुमार, औरंगाबाद से अनुज कुमार सिंह, गया से ङ्क्षरकू यादव, मुंगेर से अजय सिंह, भोजपुर से अनिल सम्राट, पश्चिमी चंपारण से इंजीनियर सौरभ कुमार, रोहतास से कृष्ण कुमार सिंह, सीतामढ़ी से खब्बू खिरहर एवं दरभंगा से उदय शंकर यादव का नाम शामिल है। अभी भी कुछ सीटों पर नियमावली जारी है। बताया जा रहा है कि जिन सीटों पर तेजस्वी ने नामों की घोषणा की है उनपर कोई रूकावट नहीं है।
इसके साथ कुछ और सीटों पर जीत की संभावना वाले प्रत्याशियों के नाम तय करने की प्रक्रिया चल रही है। इसमें बब्लू देव का नाम अभी तक आगे चल रहा था जो पूर्वी चंपारण से है लेकिन हाल में जदयू से राजद में आए महेश्वर सिंह की दावेदारी के चलते मामला फंस गया है।
गठबंधन में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं
इसी तरह नवादा से श्रवण कुमार, कोसी से डा.अजय सिंह और सीवान से विनोद जायसवाल का नाम आगे चल रहा है, किंतु अधिकृत होने के लिए इन्हें कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। कई क्षेत्र ऐसे भी है जिनपर अभी प्रारंभिक विमर्श ही किया जा रहा है । ऐसी सीटों में मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, किशनगंज और पटना शामिल है। राजद ने भागलपुर की सीट भाकपा को दे रखी है। वहीं इसके अलावा वामदलों की ओर से कोई दावेदारी नहीं है।
विधान परिषद के आगामी चुनाव में महागठबंधन में धमासान दिख रहा है लेकिन गठबंधन में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं है। हालांकि, अंदर ही अंदर गठबंधन भी इसकी तैयारी में है। स्थानीय कोटे से विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होने हैं।