उदयपुर-अहमदाबाद के नए ब्रॉडगेज ट्रैक पर यात्री गाड़ी का संचालन शुरू होने के 13वें ही दिन ओढ़ा रेलवे पुल को उड़ाने की साजिश के मंसूबे हालांकि कामयाब नहीं हो पाए, लेकिन इस वारदाता ने पुलिस के मुखबिर तंत्र के फेल्योर को एक बार फिर सामने ला खड़ा किया है।
अब तक यह जानकारी सामने आ रही थी कि विस्फोट रात को हुआ और सुबह ग्रामीणों ने जाकर पुल पर देखा। लेकिन, स्थानीय ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि विस्फोट तो शनिवार शाम को सवा सात के आसपास ही धमाके की आवाज आई थी, इसे एक्सीडेंट होने या टायर फटने की आवाज समझ कर लोगों ने इधर-उधर तलाश किया, लेकिन पता नहीं चला। लगभग पूरे क्षेत्र में यह जानकारी फैली थी, लेकिन कोई पुल की तरफ देखने नहीं गया था।
चौंका देने वाली बात है कि विस्फोट से कुछ ही देर पहले उदयपुर से अहमदाबाद जाने वाली यात्री गाड़ी इस पुल से गुजरी थी। उसके गुजरने के बाद यह विस्फोट हुआ। ऐसे में इस अंदेशे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि साजिश करने वालों के मंसूबे बड़े हादसे को अंजाम देने के थे। लेकिन, अब भी पुलिस और प्रशासन की ओर से जो बयान सामने आए हैं उनमें सिर्फ यही बात कही जा रही है कि पहले जांच की जाएगी कि आखिर यह हुआ कैसे, किसी भी तरह की बड़ी वारदात के अंदेशे को लेकर कोई भी जवाब सामने नहीं आया है।
इस बीच, संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने उदयपुर अहमदाबाद रेल मार्ग पर स्थित सभी रेल में पुलों की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों का कोई भरोसा नहीं, इसलिए तुरंत इन सबकी भी जांच की जाए और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।