धनबाद। वर्षो से धूल फांक रही झरिया पुनर्वास योजना को गति देने नीति आयोग एसी एनर्जी सेक्टर के सदस्य जवाहरलाल धनबाद पहुंचे हुए है। उन्होंने इस दौरान झरिया स्थित राजापुर परियोजना के व्ह्यु पॉइंट से कोयला खदान का निरीक्षण किया।
प्लानिंग की जरूरत
उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन के बाद उत्खनन स्थल को खुला छोड़ने की जगह उसे ओबी डंप कर दोबारा भर देना चाहिए। ओबी शिफ्टिंग की समस्या को दूर करने के लिए प्लानिंग की जरूरत होती है।
उन्होंने उपस्थित जिला प्रशासनिक एवं बीसीसीएल पदाधिकारियों से अग्नि प्रभावित क्षेत्र में कार्य के दौरान भूमिगत आग के दायरे की जानकारी जुटाने के तरीके पर कई सवाल किया।
साथ ही परियोजना से सटे झरिया शहर स्थित माडा जलागार व आसपास बसे बस्ती के लोगों के विषय में जानकारी ली। बीसीसीएल सीएमपीडीआईएल के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना से सटे झरिया शहर में बड़ी आबादी है। भूमिगत आग का दायरा बढ़ता जा रहा है। आग का सही आकलन व गहराई जान्ने के लिए ड्रिलिंग ही एक बेहतर उपाय है।
उन्होंने कहा कि ओबी भराई कर उत्खनन किए गए स्थानों को भरा जाता है। परंतु सभी स्थानों पर ओबी भराई करना उचित नहीं है। क्योंकि, भविष्य में कुछ खदान को दोबारा चालू करने का विकल्प रहता है। उन्होंने बताया कि झरिया शहर के लोगों को भूमिगत आग से खतरा है। झरिया के आसपास के कई कोलियरी क्षेत्रों के लोगों को अग्नि प्रभावित क्षेत्र से हटाकर बेलगडीया में शिफ्ट किया गया है।
इस दौरान धनबाद डीडीसी दशरथ चंद्र दास, एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी, जेआरडीए प्रभारी अमर प्रसाद, झरिया सीओ प्रमेस कुशवाहा, सिंदरी डीएसपी अभिषेक कुमार, मुख्य प्रबंधक पर्यावरण कोयला भवन मिथिलेश कुमार, बस्ताकोला महाप्रबंधक सुमन चटर्जी, निर्झर चक्रवर्ती, राजापुर पीओ विनोद पांडे आदि लोग मौजूद थे।