शराब की सूचना पर छापेमारी करने गई (made-new-strategy) पुलिस टीम पर हमला करने वालों पर अब दोहरी मार पड़ेगी। ऐसे आपराधिक तत्वों पर पुलिस पर हमले करने (bihar-police-headquarter) के मामले में तो प्राथमिकी होगी ही, मद्यनिषेध कानून (against-liquor-smugglers-who-are-attacking-police-teams) के उल्लंघन का भी मामला दर्ज होगा।
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हाल के दिनों में शराब छापेमारी के दौरान पुलिस पर हमले की बढ़ी घटनाओं को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने यह निर्देश जारी किया है। सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को पुलिस पर हमला करने वालों से सख्ती से निबटने का निर्देश दिया गया है।
पुलिस मुख्यालय ने पुलिस पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का टास्क भी जिला पुलिस को दिया है। इसके लिए पुलिस पर हमले की घटनाओं में शामिल बदमाशों को चिन्हित कर उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया है। मुख्यालय का तर्क है कि नाम के साथ प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर हमलावरों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी और गिरफ्तारी में आसानी होगी। इसके साथ ही हमलावरों में भी कानून का डर पैदा होगा।
पुलिस पर हमले की स्थिति में अभी भारतीय दंड विधान की धाराएं 147,148, 149, 307, 353, 332 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाती है, मगर अब उत्पाद अधिनियम की धारा 42 के तहत भी प्राथमिकी दर्ज होगी। इसके तहत दोषी पाए जाने पर सात साल की सजा का प्रावधान है।