नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में महिलाओं को लेकर सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा में दिये एक प्रश्न पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने सीबीएसई और शिक्षा मंत्री से माफी मांगने को कहा है।
10वीं बोर्ड की परीक्षा के अंग्रेजी पेपर में एक पैसेज दिया गया था जिसमें लिखा गया कि ‘महिलाओं को स्वतंत्रता सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं के कारण मिल रही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस सिलसिले में सरकार पर तीखा हमला करते हुए ट्वीट किया कि ”अविश्वसनीय। क्या हम वास्तव में बच्चों को ऐसा निरर्थक ज्ञान दे रहे हैं? स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं संबंधी इन प्रतिगामी विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ये सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होंगे?”
शनिवार को हुई सीबीएसई बोर्ड की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के अंग्रेजी के पेपर में एक कॉम्प्रिहेंशन पैसेज का यह अंतिम पैराग्राफ में लिखा था, जिसने महिलाओं के लिए “पीछे जाने” और आक्रामक होने के लिए आलोचना की गई है। सीबीएसई बोर्ड के अनुसार, यह पैसेज उसके अंग्रेजी प्रश्न पत्रों के एक सेट में था। इसको लेकर हंगामा मच गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस पेपर को ट्वीट करके पूछा कि “हम बच्चों को ये पढ़ा रहे हैं?”
पैसेज सेक्शन ए या रीडिंग सेक्शन में था। पैसेज पर आधारित प्रश्नों में से एक यह है कि क्या लेखक “एक पुरुषवादी मानसिकता/एक अभिमानी व्यक्ति प्रतीत होता है?; ” जीवन के प्रति हल्का-फुल्का दृष्टिकोण”; “एक असंतुष्ट पति है”; या “उसके दिल में उसके परिवार का हित है।” बोर्ड की उत्तर कुंजी के मुताबिक, इसका सही जवाब “जीवन के प्रति हल्का-फुल्का दृष्टिकोण रखा है”।
प्रियंका ने साधा निशाना
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि चौंकाने वाला! क्या हम वाकई बच्चों को ये बेहूदा बातें सिखा रहे हैं? साफ तौर पर भाजपा सरकार महिलाओं को लेकर इन पीछे ले जाने वाले विचारों का समर्थन करती है, नहीं तो भला वे सीबीएसई पाठ्यक्रम में इसे क्यों शामिल करते? सीबीएसई बोर्ड ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि कल आयोजित सीबीएसई दसवीं क्लास के अंग्रेजी पेपर के एक सेट में कुछ माता-पिता और छात्रों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।
संसद में उठाया मामला, माफी की मांग
मालूम हो कि सीबीएसई की 10वीं अंग्रेजी के प्रश्नपत्र के अंशों में ”महिलाओं की मुक्ति ने बच्चों पर माता-पिता के अधिकार को समाप्त कर दिया” और ”अपने पति के तौर-तरीके को स्वीकार करके ही एक मां अपने से छोटों से सम्मान पा सकती है” जैसे वाक्यों के उपयोग को लेकर आपत्ति जतायी गई है। इसके चलते बोर्ड ने रविवार को इस मामले को विषय के विशेषज्ञों के पास भेज दिया है।
प्रश्नपत्र के अंश सोशल मीडिया पर वायरल
प्रश्नपत्र के ऐसे अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन्हें लेकर ट्विटर पर लोग सीबीएसई पर निशाना साध रहे हैं और यूजर्स हैशटैग ”सीबीएसई इनसल्टस वुमन” का समर्थन करने का आह्वान करते दिखाई दिए।
बोर्ड ने दी सफाई
बोर्ड ने कहा कि कुछ बच्चों और उनके माता-पिता की ओर से कहा गया है कि यह पुरानी धारणाओं का समर्थन करता है और कथित तौर पर लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देता है। . बोर्ड ने कहा कि पूर्व-निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार मामले को विषय विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा। उसके बाद जैसा फैसला होगा उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।